PM-Janman पीएम-जनमन का उद्देश्य हर आदिवासी तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना: मोदी

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PM-Janman पीएम-जनमन का उद्देश्य हर आदिवासी तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना: मोदी

 

PM-Janman नयी दिल्ली !  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार ऐसे लोगों तक पहुंच रही है जिनकी कभी परवाह नहीं की गयी और इसी कड़ी के तहत ‘पीएम-जनमन’ महाअभियान का लक्ष्य आदिवासी समुदाय के प्रत्येक सदस्य को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करना है।


PM-Janman  मोदी ने सोमवार को यहां वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रधान मंत्री आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के तहत प्रधान मंत्री आवास योजना – ग्रामीण (पीएमएवाई – जी) के एक लाख लाभार्थियों को पहली किस्त जारी की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने पीएम-जनमन के लाभार्थियों से बातचीत भी की।


लाभार्थियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पक्के घरों के निर्माण के लिए उनके बैंक खातों में धनराशि के हस्तांतरण का उल्लेख करते हुए कहा, “ एक तरफ, अयोध्या में दिवाली मनाई जा रही है, वहीं अत्यंत पिछड़े आदिवासी समुदाय के एक लाख लोग भी दिवाली मना रहे हैं।”


प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दस वर्षों में गरीबों के लिए चार करोड़ स्थायी घरों के निर्माण का उल्लेख करते हुए कहा,“
पीएम-जनमन महाअभियान का लक्ष्य आदिवासी समुदाय के प्रत्येक सदस्य को सरकारी योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित करना है। दो महीने के भीतर, पीएम-जनमन मेगा अभियान ने ऐसे परिणाम हासिल किए हैं जिनका अन्य लोग केवल सपना देख सकते हैं।”

PM-Janman  भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर पीएम-जनमन के उद्घाटन के दौरान की चुनौतियों को याद करते हुए, प्रधान मंत्री ने देश के दूर-दराज, सुदूर और सीमावर्ती क्षेत्रों, जो आदिवासी समुदायों का घर है, तक लाभ पहुंचाने में आने वाली कठिनाइयों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने दूषित पानी, बिजली, गैस कनेक्शन की पहुंच न होने और ऐसे क्षेत्रों में सड़कों और कनेक्टिविटी की कमी की चुनौतियों का सामना किया।

 

PM-Janman  जनमन योजना के नाम पर प्रधान मंत्री ने कहा, “ जन’ का अर्थ है लोग और ‘मन’ का अर्थ है उनके ‘मन की बात’ या उनकी आंतरिक आवाज”। उन्होंने दोहराया कि आदिवासी समुदायों की सभी इच्छाएं अब पूरी होंगी क्योंकि सरकार ने पीएम-जनमन मेगा अभियान पर 23,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने की योजना बनाई है।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश तभी विकसित हो सकता है जब समाज में कोई भी पीछे न छूटे और सरकारी योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि देश के लगभग 190 जिलों में सबसे पिछड़े आदिवासी समुदाय रहते हैं। सरकार ने दो महीने के भीतर 80,000 से अधिक आयुष्मान कार्ड वितरित करने का बड़ा काम किया है।

इसी तरह सरकार ने अत्यंत पिछड़े आदिवासी समुदाय के लगभग 30,000 किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि से जोड़ा है, और 40,000 लाभार्थियों के बैंक खाते खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि 30,000 से अधिक वंचित लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं, और लगभग 11,000 लोगों को वन अधिकार अधिनियम के तहत भूमि के पट्टे दिए गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों को पक्के घर उपलब्ध कराने के पैसा सीधे जनजातीय लाभार्थियों के खातों में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्हें पक्के घर के लिए 2.5 लाख रुपये मिलेंगे जो बिजली, गैस कनेक्शन, पाइप जल और शौचालय के साथ सम्मानजनक जीवन का स्रोत होगा। उन्होंने कहा कि ये एक लाख लाभार्थी सिर्फ शुरुआत हैं और सरकार प्रत्येक योग्य उम्मीदवार तक पहुंचेगी। प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों को आश्वासन दिया और कहा कि वे इन लाभों के लिए किसी को भी रिश्वत देने से सख्ती से दूर रहें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम-जनमन महाअभियान के तहत सरकार ने उन सभी नियमों को बदल दिया है जो बाधा पैदा करते थे और पीएम ग्राम सड़क योजना का उदाहरण दिया, जिसने पिछड़ी जनजातियों के गांवों तक सड़कों को आसानी से पहुंचा दिया, मोबाइल मेडिकल इकाइयों से संबंधित नियमों में बदलाव किया गया।

PM  मोदी ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जनजाति से जुड़ी योजनाओं का बजट 5 गुना बढ़ा दिया है। आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए पहले मिलने वाली छात्रवृत्ति का कुल बजट अब ढाई गुना से ज्यादा बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि 10 साल पहले तक देश में आदिवासी बच्चों के लिए केवल 90 एकलव्य मॉडल स्कूल बनाए गए थे, जबकि वर्तमान सरकार ने पिछले 10 वर्षों में 500 से अधिक नए एकलव्य मॉडल स्कूल बनाने पर काम शुरू किया है।

उन्होंने आदिवासी छात्रों के उच्च शिक्षा हासिल करने और बड़ी कंपनियों के लिए काम करने पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा, इसके लिए आदिवासी क्षेत्रों में कक्षाओं का आधुनिकीकरण किया जा रहा है और उच्च शिक्षा के केंद्र बढ़ाए जा रहे हैं।

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प्रधानमंत्री ने कहा, “ मेरे आदिवासी भाई-बहन भले ही दूर-दराज के इलाकों में रहते हों, लेकिन उनमें अद्भुत दूरदर्शिता है। आज आदिवासी समाज यह देख और समझ रहा है कि हमारी सरकार आदिवासी संस्कृति और उनके सम्मान के लिए कैसे काम कर रही है।” उन्होंने आदिवासी समुदाय को उनके सम्मान और सुख-सुविधा के लिए लगातार काम करने का आश्वासन दिया।

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