paddy procurement started : चुनावी सरगर्मी के बीच प्रदेश में धान खरीदी प्रारंभ

paddy procurement started :

paddy procurement started : संबलपुर लैम्प्स में 148 क्विंटल धान की खरीदी, बाकी सेंटरों में नही हुई बोहनी

 

 

paddy procurement started : भानुप्रतापपुर। प्रदेश में चुनावी सरगर्मी के बीच 1 नवम्बर से धान खरीदी प्रारंभ हो गई है। इस वर्ष प्रति एकड़ 15 क्विंटल से बढ़ाकर 20 क्विंटल धान खरीदे जाएंगे। सम्बलपुर लैम्प्स में पहले दिवस 3 किसानों का 148 क्विंटल मोटा एवं पतला धान खरीदी की गई है। बाकी कई सेंटरों में पहले दिवस बोहनी भी नही हुआ है। हालाकि खरीदी को लेकर प्रबंधन द्वारा तैयारी भी पूरी कर ली गई है। बारदाना भी पर्याप्त मात्रा में आ गया है। मूल्य मोटा धान 2183 वही पतला 2203 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जाएगी।

paddy procurement started :  बस्तर क्षेत्र में 7 नवम्बर को मतदान होना है। चुनावी मौहाल के चलते इस बार 8 नवम्बर से धान खरीदी सेंटरों में भीड़ बढ़ेगी। संबलपुर के लेम्प्स मैनजर आत्मा राम कल्लो ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 1 नवम्बर से धान खरीदी प्रारंभ हो गई है। पहले दिवस तीन किसानो का टोकन कटा था जिसकी खरीदी बुधवार को किया गया है। उन्होंने बताया कि सम्बलपुर क्षेत्र में कुल 19 सौ पंजीकृत किसान है वही धान का रकबा 4200 हेक्टेयर है। वही शासन स्तर से बारदाना 65 हजार आया है, मिलर से 10 हजार पीडीएस से 25 सौ बारदान प्राप्त होना बताया है।
2023-24 बताते चले कि इस बार सरकार ने 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान खरीदी करने की घोषणा की है। अभी तक यह लिमिट 15 क्विंटल प्रति एकड़ था।

जिसमे प्रति एकड़ 5 क्विंटल अधिक धान किसानों से खरीदे जाएंगे। मूल्य मोटा धान 2183 वही पतला 2203 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जाएगी। धान खरीदी केंद्रों में तैयारी पूर्ण कर ली गई है।

इनके अलावा भानुप्रतापपुर, भानबेडा, कच्चे, आसुलखार, दुर्गुकोंदल, कोडेकुर्से, लोहत्तर, चिखली आदि सेंटरों में पहले दिवस बोहनी नही हुआ है। लेकिन लैम्प्स द्वारा तैयारी पूरी कर ली गई है।

प्रदेश की मौजूदा सरकार किसानों को धान पर प्रति एकड़ 9 हजार रुपये इनपुट सब्सिडी (बोनस) देती है। यह पैसा किसानों को बाद में किस्‍तों में मिलता है, जबकि धान का समर्थन मूल्‍य बेचने के चार दिन के भीतर किसानों के बैंक खातों में पहुंच जाता है। इस बार किसान पूरी तरह आश्‍वस्‍त हैं कि सरकार जिसकी भी आए अतिरिक्‍त लाभ मिलेगा ही। इसी वजह से किसान बेफिक्र होकर धान बेचने की तैयारी में है। बता दें कि 2018 में चुनाव के पहले कांग्रेस ने धान पर बोनस देने की घोषणा की थी। इसकी वजह से चुनाव के दौरान किसानों ने धान बेचना बंद कर दिया था। हालांकि कांग्रेस की तरफ से यह बात स्‍पष्‍ट किया गया कि सरकार बनी तो सभी किसानों की बोनस का लाभ मिलेगा।

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केंद्र सरकार ने इस वर्ष समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) धान बेचने के लिए बायोमेट्रिक अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए पंजीयन के दौरान किसानों का आधार नंबर भी लिया गया है। छत्‍तीसगढ़ के किसानों फिलहाल बिना बायोमेट्रिक के भी धान बेच सकेंगे। इस संबंध में खाद्य सचिव ने सभी कलेक्‍टरों को पत्र जारी कर दिया है। खाद्य विभाग के अफसरों के अनुसार बायोमेट्रिक मशीन की व्‍यवस्‍था नहीं हो पाई है। इस वजह से भारत सरकार से राहत मांगी गई थी। इस पर भारत सरकार ने कुछ दिनों की राहत दे दी है।

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