New delhi breaking : प्रयागराज की स्काइडाइवर अनामिका शर्मा ने थाईलैंड में जय श्री राम के नाम पर 13000 फीट की उंचाई से लगाईं छलांग

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New delhi breaking : थाईलैंड में रामभक्त हनुमान को देश का रक्षक माना जाता है।

 

अनामिका ने 13000 फीट की उंचाई से राम ध्वज के साथ स्काई डाइव कर राम मंदिर के प्रति अपनी आस्था और खुशी, दुनिया के सामने की प्रकट

 

New delhi breaking नई दिल्ली ! जहाँ रामभक्त हनुमान को देश का रक्षक माना जाता है। वहीं प्रयागराज की स्काइडाइवर अनामिका शर्मा ने बैंकॉक में आश्चर्यजनक रूप से 13,000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई। इस दौरान अनामिका ने ‘जय श्री राम’ का झंडा फहराया। क्योंकि 22 जनवरी 2024 को श्री राम जी का अभिषेक समारोह होने जा रहा है, इसलिए अनामिका का ये कदम बहुत ही मायने रखता है।

अनामिका ने थाईलैंड में 13000 फीट की उंचाई से राम ध्वज के साथ स्काई डाइव कर राम मंदिर के प्रति अपनी आस्था और खुशी, दुनिया के सामने प्रकट की है।

New delhi breaking  इससे पहले अनामिका शर्मा प्रोफेशनल स्काई-डाइविंग का लाइसेंस पाने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला बनी थीं। उन्हें जनवरी 2022 में दुबई ड्रॉप ज़ोन से ए श्रेणी पेशेवर यूनाइटेड स्टेट्स पैराशूट एसोसिएशन (यूएसपीए) लाइसेंस मिला था। उस समय अनामिका एक उभरती हुई इंजीनियर थीं जो कि प्रयागराज की रहने वाली थीं। उनके पिता अजय कुमार शर्मा एक सेवानिवृत्त जूनियर वारंट अधिकारी और भारतीय वायु सेना के प्रशिक्षित कमांडो हैं। वह एक पेशेवर स्काइडाइवर भी हैं और वे भारत में एकमात्र पिता-बेटी की जोड़ी हैं जो पेशेवर स्काइडाइवर भी हैं। अनामिका की एक बहन भी है।

उन्होंने अपनी पहली छलांग 11 साल की उम्र में 10,000 फीट से लगाई थी। इससे उनमें एक पेशेवर स्काइडाइवर बनने की इच्छा पैदा हुई और अगस्त-सितंबर 2021 में वह प्रशिक्षण के लिए मॉस्को चली गईं।

 

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new delhi breaking  उसी वर्ष नवंबर में, वह प्रशिक्षण के लिए दुबई भी गईं और जनवरी 2022 में उन्हें अपना पेशेवर लाइसेंस मिल गया। लाइसेंस प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला होने के अलावा, वह हमारे देश की केवल पांचवीं महिला पेशेवर स्काई-डाइवर हैं। आज तक, उन्होंने 10 विभिन्न प्रकार के पैराशूट और छह अलग-अलग विमानों का उपयोग करके 42 छलांग लगाई है। इस रोमांचक खेल के प्रति उनका प्रेम बचपन से ही उनके पिता के मार्गदर्शन में विकसित हुआ है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता के दोस्त और एक कुशल स्काइडाइवर संतोष नागराज को भी दिया है। संतोष के पास स्वयं श्रेणी डी यूएसपीए लाइसेंस है।

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