New Delhi Breaking विपक्ष के 45 सदस्य राज्यसभा से निलंबित

New Delhi Breaking

New Delhi Breaking  11 का मामला विशेषाधिकार समिति को

New Delhi Breaking नयी दिल्ली  !   राज्यसभा में अमर्यादित आचरण और आसन की अवहेलना करने के लिए विपक्ष के अनेक प्रमुख सदस्यों सहित 45 सदस्यों को साेमवार को सदन से निलंबित कर दिया गया जिनमें से 11 सदस्यों के आचरण का मामला सदन की विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है जो तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी।

New Delhi Breaking सदन ने 34 सदस्यों को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया है जबकि 11 सदस्यों का निलंबन विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक लागू रहेगा। निलंबित किये जाने वाले सदस्यों में कांग्रेस के सदन में उपनेता प्रमोद तिवारी, कांग्रेस के जयराम रमेश, के सी वेणुगोपाल, समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदू शेखर राय, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, जनता दल युनाईटेड के रामनाथ ठाकुर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चव्हाण और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जान ब्रिटास के नाम प्रमुख हैं।

New Delhi Breaking सभापति जगदीप धनखड़ ने चार बार के स्थगन के बाद शाम चार बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु करते हुए सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। विपक्ष के सदस्य उनकी अपील को अनुसना कर शोर शराबा करते रहे। सभापति ने सदस्यों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी लेकिन इसका असर ना होते देख उन्होेंने विपक्ष के 34 सदस्यों के नाम पुकारे। इसके बाद नेता सदन पीयूष गोयल ने नियम 256 के तहत इन सदस्यों के निलंबन का प्रस्ताव सदन में पेश किया जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

New Delhi Breaking  इसके बाद सभापति ने 11 अन्य सदस्यों के नाम लिये और श्री गोयल ने उनके निलंबन तथा उनके आचरण का मामला सदन की विशेषाधिकार समिति को भेजने के लिए नियम 191 के तहत प्रस्ताव पेश किया जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। सभापति ने कहा कि इन 11 सदस्यों का निलंबन विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक लागू रहेगा और यह समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। प्रस्ताव में कहा गया है कि इन सभी सदस्यों ने सदन में अमर्यादित आचरण किया है और सभापति के बार बार निर्देश दिये जाने के बावजूद उनके निर्देशों की अवहेलना की है। विपक्ष के सदस्य इस दौरान नारेबाजी करते रहे। सभापति ने कहा कि ये 11 सदस्य सदन में तख्तियां लहरा रहे थे जो सदन की परंपराओं और नियमों का घोर उल्लंघन है। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से आत्मचिंतन करने अपील करते हुए कहा कि उनके आचरण से ऐसा लगता है कि विपक्ष सदन में “हल्ला ब्रिगेड” की तरह काम कर रहा है।

सभापति ने निलंबित किये गये सभी 45 सदस्यों से तत्काल सदन से बाहर जाने को कहा लेकिन विपक्षी सदस्य शोर शराबा करते रहे जिसे देखते हुए श्री धनखड ने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

New Delhi Breaking  निलंबित किये जाने वाले सदस्यों में कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, ऐमी याज्ञिक, नारायण भाई राठवा, सैयद नासिर हुसैन, फूलो देवी नेताम, शक्ति सिंह गोहिल, के सी वेणुगोपाल, रजनी पाटिल, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, रणदीप सुरजेवाला, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदू शेखर राय, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांतनु सेन, मौसम नूर, प्रकाश चिक बारीक, समीरुल इस्लाम, द्रमुक के एम षणमुगम, एन आर इलंगो, कनिमोझी एन वी एन सोमू, आर गिरिराजन, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, फैयाज अहमद , मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वी शिवादासन, जनता दल युनाईटेड के रामनाथ ठाकुर, अनिल प्रसाद हेगडे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चव्हाण, समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव, जावेद अली खान, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माझी, केरल कांग्रेस – एम के जोस के मणि और आचंलिक गण मोर्चा के अजीत कुमार भुईयां शामिल हैं।

जिन सदस्यों का निलंबन और उनके आचरण का मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है उनमें कांग्रेस की जेबी माथेर हीशाम, एल हनुमंतैया, नीरज डांगी, राजमणि पटेल, कुमार केतकर, जी सी चंद्रशेखर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम, संदोष कुमार पी, द्रमुक के एम मोहम्मद अब्दुल्ला, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जान ब्रिटास और ए ए रहीम शामिल हैं।

तृणमूल कांग्रेस के सदन में नेता डेरेक ओ ब्रायन को भी पिछले सप्ताह इसी मुद्दे पर सदन से निलंबित कर उनके आचरण का मामला भी सदन की विशेषाधिकार समिति को भेजा गया था। इस तरह अब तक विपक्ष के 46 सदस्याें को निलंबित किया जा चुका है।

Breaking news नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत के प्रथम नगर आगमन पर आतीश बाजी के साथ किया गया भव्य स्वागत,देखिये VIDEO

विपक्ष पिछले सप्ताह से ही संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर हंगामा कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा करायी जाए और गृहमंत्री अमित शाह वक्तव्य दें। उधर सभापति ने कहा है कि सुरक्षा में चूक की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है और मामले की जांच की जा रही है। इस मुद्दे पर बने गतिरोध के कारण पिछले सप्ताह दो दिन कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका जबकि आज शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हुआ। हालांकि सरकार ने हंगामे के बीच जम्मू कश्मीर से संबंधित दो विधेयक पारित कराये।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU