National Lok Adalat नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण का प्रयास किया जाए : मुख्य न्यायाधीश 

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National Lok Adalat  नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण का प्रयास किया जाए : मुख्य न्यायाधीश 

 

 

National Lok Adalat रायपुर !  आगामी नेशनल लोक अदालत 9 मार्च 2024 की तैयारियांे के संबंध में श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय/मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं श्री न्यायमूर्ति गौतम भादु़ड़ी, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संयुक्त रूप से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से वीडियो क्रॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणांे के जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष, सचिव, फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश, न्यायाधीश, स्थायी लोक अदालत के चेयरमेन, सीजेएम, लेबर जजों की वर्चुअल बैठक ली गई।

National Lok Adalat  बैठक में मुख्य न्यायाधीश श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने सभी न्यायिक अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आगामी नेशनल लोक अदालत में सिविल, आपराधिक एवं अन्य राजीनामा योग्य प्रकरणों, विशेष रूप से महिलाओं, वरिष्ठजनों, पुराने 5 वर्ष एवं 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित प्रकरणों, मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित मामलों, धारा-138 एनआई एक्ट के मामलों को अधिक से अधिक संख्या में चिन्हांकित कर निराकृत किये जाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि पूर्व लोक अदालत में पूर्व की अपेक्षा प्री-लिटिगेशन के मामलों में भी बढ़ोत्तरी करते हुए अधिक से अधिक संख्या में प्रकरणों को चिन्हांकित कर निराकृत किये जाने का प्रयास किया जाए, ताकि लोक अदालत के मूल मंत्र न्याय सबके लिये को पूरा किया जा सके। इससे किसी भी पक्षकार की हार नहीं होती है, लोक अदालत का फैसला अंतिम होता है और पक्षकार अदालती कार्यवाही से सरलता से मुक्त हो जाता है, साथ ही न्यायालय में लंबित प्रकरणों में भी कमी आती है। उन्होंने सभी न्यायाधीशों को आगामी लोक अदालत की शुभकामनाएं देते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया।

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National Lok Adalat  वर्चुअल बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी ने न्यायाधीशों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बीमा कंपनियों के साथ प्री-सिटिंग एवं समन्वय करते हुए अधिक से अधिक मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों का निराकरण आगामी लोक अदालत में किया जाए, साथ ही धारा-138 एनआई एक्ट जो चेक अनारण से संबंधित होते हैं, उसमें प्रकरण प्रस्तुति के प्रारंभिक ट्रायल स्तर पर ही लोक अदालत के माध्यम से निराकृत किये जावे, ताकि पक्षकार को अनावश्यक रूप से लम्बी एवं अनेक सुनवाई तिथि से न गुजरना पड़े।

 

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गौरतलब है कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2024 में 09 मार्च, 11 मई, 14 सितंबर एवं 14 दिसंबर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन होना है। अवगत हो कि लोक अदालत उच्च न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालयों के साथ-साथ राजस्व न्यायालयों में भी आयोजित किये जाते हैं, जिसमें समस्त प्रकार के राजीनामा योग्य आपराधिक एवं सिविल एवं अन्य प्रकरणों को निराकृत किये जाते हैं।

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