शरीर पर गुदवाए 267 शहीदों के नाम, पढ़े पूरी खबर…

युवा विजय हिंदुस्तानी, जो भ्रमण यात्रा पर निकले हैं, उनकी उत्साहपूर्ण कथा दर्शाती है कि भारतीय युवा आज भी राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों के प्रति संवेदनशील हैं। विजय का जुनून और समर्पण देश के वीर शहीदों के सम्मान में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके प्रयासों के माध्यम से वे भारतीय समाज को जागरूक कर रहे हैं और इस प्रकार शहीदों के बलिदान को समझाने और मान्यता दिलाने का कार्य कर रहे हैं।

विजय ने अपने भ्रमण के दौरान बिजनौर से लेकर यूपी के विभिन्न शहरों तक कई लोगों से मिलकर उनके दर्द और मांगों को सुना है। उन्होंने कई जगहों पर ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उनके शरीर पर गुदे हुए 267 शहीदों के नाम भी शामिल हैं, जो अपने देश की रक्षा के लिए सीमा पर अपनी जान न्योछावर कर चुके हैं।

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विजय की पैदल यात्रा की लंबाई लगभग 1400 किलोमीटर है और वह 20 जिलों में भ्रमण कर चुके हैं। इसके जरिए, वह न केवल लोगों को शहीदों के महत्व को समझाने का प्रयास कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर भी सरकार तक पहुंचाने का संकल्प भी लिया है।

उनका यह प्रयास महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे शहीदों के बलिदान की महत्वपूर्णता और सम्मान को सामाजिक चरणों तक पहुंचाया जा सकता है। उनका संघर्ष और समर्थन समाज को एक साथ लाने और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान है। इस प्रकार, विजय हिंदुस्तानी के प्रयासों को समर्थन और सलाह देना हम सभी का कर्तव्य है।

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