Mahakal Lok महाकाल लोक पहुंची लोकायुक्त जांच टीम, पेडस्टल पर चढक़र देखी मूर्तियां
Mahakal Lok उज्जैन । महाकाल लोक में मूर्तियां गिरने के मामले की जांच तेज हो गई है। शनिवार को लोकायुक्त टीम महाकाल लोक पहुंची। टीम के सदस्यों ने पेडस्टल पर चढक़र करीब आधा दर्जन मूर्तियों का निरीक्षण किया। काफी देर तक एक-एक मूर्ति को बारीकी से देखा। टीम ने उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड से मूर्तियों के संबंध में जानकारी मांगी है।
अफसरों ने कहा कि जांच रिपेार्ट तैयार होने के बाद ही कुछ बता पाएंगे। 28 मई को तेज आंधी के कारण महाकाल लोक में सप्तऋषियों की सात में से छह मूर्तियां गिर गई थीं। इसे लेकर महाकाल लोक के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने महाकाल लोक में बनी पार्किंग को लेकर लोकायुक्त में शिकायत भी की थी।
इसकी जांच के बीच ही मूर्तियां धाराधायी हो गई। इसके बाद लोकायुक्त की टीम एक्शन मोड में आ गई। नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई के साथ अधिकारियों के एक दल ने भी गत दिवस महाकाल लोक में लगी मूर्तियों का निरीक्षण किया। महाकाल लेाक के मेंटनेंस को लेकर भी दल ने निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह और स्मार्ट सिटी के सीईओ आशीष पाठक के साथ चर्चा की। मंडलोई ने बताया कि महाकाल लोक का सामान्य संधारण, संचालन, मेंटनेंस और सुरक्षा व्यवस्था पर विचार करने के लिए तैयारी की जा रही है।
इसके लिए संबंधित संस्थाओं का शासन के साथ एमओयू भी हुआ है। इसके तहत मूर्तियों और जगह का रख रखाव सही हो, सुरक्षा भी रहे, इसके लिए ठोस नीति बनानी है। इस दिशा में प्रयास भी कर रहे हैं। भोपाल से लोकायुक्त का पांच सदस्यीय दल दोपहर करीब साढ़े 12 बजे उज्जैन पहुंचा। टीम में त्रिपुरासुर, पिनाकी समेत छह से ज्यादा मूर्तियों को बारीकी से देखा।
मूर्तियों के आधार स्तंभ की जांच भी की। सप्तऋषियों की मूर्तियांं गिरने के बाद खाली पड़े पेडस्टल की भी टीम के सदस्यों ने जांच की। मूर्तियों का टेंडर, एग्रीमेंट और वर्क ऑर्डर मांगा : लोकायुक्त के चीफ इंजीनियर एनएस जौहरी ने उज्जैन स्मार्ट सिटी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अंशुल गुप्ता को लेटर लिखकर मूर्तियों का टेंडर, एग्रीमेंट और वर्क ऑर्डर की मूल कॉपी मांगी है।
टेंडर बुलाने से लेकर से मंजूर करने का काम पूरा कैसे किया, बिल पैमेंट कैसे हुआ, काम की मौजूदा स्थिति क्या है आदि के बारे में हुए पत्राचार और नोटशीट की मूल कॉपी मांगी है।