Madhya Pradesh Cabinet : कुछ नेताओं के कारण फंसा पेच
Madhya Pradesh Cabinet : मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल गठन को लेकर नई दिल्ली में बीजेपी के दिग्गजों के बीच मंथन का दौर चल रहा है. सांसद से विधायक बने दिग्गज नेताओं को कैबिनेट में कैसे एडजस्ट किया जाए, इस पर किसी नतीजे पर आलाकमान नहीं पहुंच पा रहा है.
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Madhya Pradesh Cabinet : इसके साथ ही क्षेत्रीय व जातीय समीकरण भी बैलेंस करने के लिए माथापच्ची जारी है. आने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आलाकमान हर कदम संभलकर उठा रहा है.
मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन को लेकर कवायद जारी है. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ रविवार रात दिल्ली में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में भी मंत्रियों के नाम फाइनल नहीं हो पाए. सांसद से विधायक बने नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने को लेकर पेंच फंस गया है.
केंद्रीय नेतृत्व सांसद से विधायक बने सभी नेताओं को मंत्री बनाए जाने के पक्ष में है, जबकि प्रदेश संगठन इस पर सहमत नहीं है. संगठन का मानना है कि यदि सांसद से विधायक बने नेताओं को मंत्री बनाया जाता है, तो उन्हें भारी-भरकम विभाग देना पड़ेंगे.
Madhya Pradesh Cabinet
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साथ ही वरिष्ठता के नाते उनकी मुख्यमंत्री के साथ पटरी बैठने की भी संभावना नहीं है. ऐसे में मंत्रियों की सूची अटक गई है. केंद्रीय नेतृत्व एक बार फिर मंत्रियों के नाम फाइनल करने के लिए मंथन कर रहा है.
इससे पहले मंगलवार को नए मंत्रिमंडल के शपथ लेने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन अब संभवत: मंत्रियों को बुधवार या गुरुवार को शपथ दिलाई जाएगी. बता दें कि नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, रीति पाठक और राव उदय प्रताप सिंह सांसद से विधायक बने हैं.
नरेंद्र सिंह तोमर का नाम विधानसभा अध्यक्ष के लिए तय हो गया है. केंद्रीय नेतृत्व बचे हुए चार नेताओ को मंत्री बनाने के पक्ष में है. इसके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा है. इसके अलावा क्षेत्रीय और जातीय संतुलन पर भी फैसला नहीं हो पाया है.
संगठन के नेताओं ने जिनके नाम आगे किए हैं, उनमे से कुछ पर आरएसएस सहमत नहीं है. आरएसएस ने भी अपनी तरफ से चार से पांच विधायकों के नाम आगे बढ़ाए हैं. इन नामों पर भी मंथन हो रहा है. नए कैबिनेट को लेकर कांग्रेस ने तंज कसा है।
वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा दो दिन से दिल्ली में थे. मंत्रिमंडल के गठन को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा कर दोनों नेता सोमवार शाम को भोपाल वापस आ गए.
पार्टी हाईकमान के साथ रविवार रात हुई प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में कैबिनेट में पुराने चेहरों के साथ नए चेहरे शामिल किए जाने पर सहमति बनी थी. इधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुना जाना तय है.
इसका समर्थन नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, प्रहलाद पटेल, राजेंद्र शुक्ल, रामनिवास रावत, हेमंत कटारे और तुलसी सिलावट की ओर से किया गया. इसी के साथ अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन की तिथि 20 दिसंबर को तोमर का सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित होना तय हो गया।