Korba Latest News : प्रबंधन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए ब्लास्टिंग समस्या से परेशान भू विस्थापितों ने किया खदान के भीतर प्रदर्शन

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Korba Latest News : प्रबंधन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए ब्लास्टिंग समस्या से परेशान भू विस्थापितों ने किया खदान के भीतर प्रदर्शन

Korba Latest News : कोरबा । पाली पड़निया गांव से जुड़ी हुई समस्याएं जस की तस बनी हुई है। लोगों की शिकायत है कि एसईसीएल की खदान में कोयला निकालने के लिए रोज की जाने वाली ब्लास्टिंग से कई प्रकार के नुकसान हो रहे हैं। प्रबंधन पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए आज सुबह भूविस्थापितों ने खदान के भीतर उपस्थिति दर्ज कराई और प्रदर्शन किया।

Korba Latest News : उत्पादन पर असर पडने से चिंतित प्रबंधन ने पुलिस बुलवा ली। खदान के क्षेत्र में लोगों के द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन का यह कोई मौका नहीं है। शनिवार को पाली पड़निया गांव के सैकड़ों लोग अपने मसले को लेकर यहां पहुंच गए।

उन्होंने कामकाज रूकवाने के साथ प्रदर्शन किया। नारेबाजी कर रहे लोग इस बात पर जोर दे रहे हैं कि या तो ब्लास्टिंग की रफ्तार कम की जाए या फिर उनकी परेशानियों को दूर करने में रूचि ली जाए। प्रदर्शनकर्ताओं में महिलाएं भी शामिल थीं। बड़ी संख्या में लोगों के खनन क्षेत्र में पहुंचने से कामकाज पर असर पड़ा और कर्मियों को हाथ खड़े करने पड़ गए। इस बारे में आगे सूचना देने पर प्रबंधन के अधिकारी यहां पहुंचे और जानकारी ली। यहां भी लोगों ने अपनी बात रखी।

Korba Latest News : उनका कहना था कि एसईसीएल ने उनकी जमीन ली है फिर भी लंबा समय बीतने पर न तो रोजगार के विकल्प पर काम किया गया और न ही पुनरू स्थापन जैसे मसलों को निराकृत किया गया। वर्तमान में ये लोग खदान के नजदीक काबिज हैं और लगातार होने वाली ब्लास्टिंग से खतरे बढ़ रहे हैं। विस्थापितों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि विस्फोटक का उपयोग करने से होने वाली ब्लास्टिंग के नतीजन घरेलू सामानों में नुकसान हो रहा है वहीं कई प्रकार की परेशानियां खड़ी हो रही है। मौके पर बवाल की संभावना को देखते हुए कुसमुंडा पुलिस भी पहुंची और उसने स्थिति को संभालने का प्रयास किया।

ओपन कास्ट माइंस क्षेत्र में ब्लास्टिंग से जहां मकानों और अन्य स्थानों पर दरारें आ रही हैं। इसके ठीक विपरित अंडरग्राउंड माइंस के आसपास जमीन धंसने की घटनाओं में भी बढ़ोत्तरी हो रही है।

ढेलवाडीह, सिंघाली के साथ-साथ रानीअटारी परियोजना के इर्द-गिर्द 5 से 10 फीट तक का हिस्सा आए दिन दब रहा है। बड़े गड्ढे बनने के कारण न केवल चुनौतियां पैदा हो रही है बल्कि ऐसे क्षेत्रों में मौजूदगी दर्ज कराने वाले लोग परेशान हैं।

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आशंका इस बात की है कि अगर अचानक ऐसा कुछ होता है तो काफी नुकसान होना तय है। इस प्रकार की घटनाओं के पीछे कोयला कंपनी कारण और तर्क जरूर बताती है लेकिन इन्हें कैसे रोका जाए इसके लिए न तो कोई योजना है न तैयारी।

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