Kejriwal Modi : क्या केजरीवाल मोदी जी का विकल्प हैं ?

Kejriwal Modi :

अजय दीक्षित

Kejriwal Modi : क्या केजरीवाल मोदी जी का विकल्प हैं ?

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Kejriwal Modi : क्या केजरीवाल मोदी जी का विकल्प हैं ?

Kejriwal Modi : पिछले दिनों जब नीतीश कुमार ने पाला बदला था, और भाजपा को छोडक़र तेजस्वी यादव की पार्टी से हाथ मिला लिया था तो नीतीश कुमार ने एक बात बड़े जोरदार शब्दों से कही थी कि जो 2014 में आये थे वे क्या 2024 में भी रहेंगे ? उनका इशारा मोदी जी की तरफ था । उसके बाद जनता दल (यू) ने कहना शुरू कर दिया कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे सही व्यक्ति हैं ।

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Kejriwal Modi : ममता बनर्जी राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को एकजुट करने में लगी हैं । तेलंगाना के के.सी.आर भी अपने को प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं । उड़ीसा के नवीन पटनायक ने कुछ साफ-साफ नहीं कहा है । एन.सी.पी. के शरद पवार भी लाइन में हैं । अब जब मनीष सिसोदिया के यहां छापा पड़ा है तो आम आदमी पार्टी में कहना शुरू कर दिया है कि मोदी का सामना केजरीवाल ही कर सकते हैं और सन् 2024 का लोकसभा चुनाव मोदी बनाम केजरीवाल होगा ।

Kejriwal Modi : असल में राजीव गांधी को छोडक़र किसी को भी प्रधानमंत्री का पद झोली में नहीं मिला । इन्दिरा गांधी की हत्या के बाद तुरन्त यह आवाज उठी कि किसी को नेहरू परिवार से ही प्रधानमंत्री बनना चाहिये । तब राहुल और प्रियंका बच्चे थे । सोनिया गांधी भारतीय राजनीति से अनभिज्ञ थीं । राजीव गांधी ने इण्डियन एयरलाइंस का पायलट का पद त्याग कर तुरन्त प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली ।

Kejriwal Modi : इसमें तबके राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की अहम भूमिका थी, यद्यपि बाद में राजीव गांधी से भी उनका कई मामलों में टकराव हुआ । आडवाणी जी ताकते ही रह गये उनका स्थान नरेंद्र मोदी ने छीन लिया ऐसा, आडवाणी भक्त कहते हैं ।

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Kejriwal Modi : असल में पंजाब की जीत के बाद आम आदमी पार्टी के हौंसले बुलंद हैं । मध्य प्रदेश के सिंगरौली में उसने स्थानीय निकाय के चुनाव में अध्यक्ष पद जीत लिया है । गोवा में दो 4 सीटें जीती हैं । उत्तराखण्ड ब्लैक रहे । गुजरात में एक-दो स्थानों पर स्थानीय निकाय के चुनावों में जीत हासिल की है । मध्यप्रदेश में भी स्थानीय निकायों में कहीं-कहीं आम आदमी पार्टी जीती है । परन्तु यह पार्टी का श्रेय नहीं है, जीतने वाले की व्यक्तिगत जीत है ।

भाजपा के पास राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का समर्थन है । दक्षिण में उड़ीसा, बंगाल तथा उत्तर पूर्व में आर.एस.एस. के कार्यकर्ता ही भाजपा को बल दे रहे हैं । आज भाजपा में अंतर्कलह भी है यद्यपि यह समाचार पत्रों की सुर्खियां नहीं बनती । कहते हैं अमित शाह और राजनाथ में दूसरे स्थान को लेकर खींचातानी है, यद्यपि इसका कोई मतलब नहीं है क्योंकि मोदी जी एक दिन के लिए भी छुट्टी पर जाने वाले नहीं हैं । जब वे विदेशों में रहते हैं तब भी भारत में कोई कार्यवाहक प्रधानमंत्री नहीं रहता जबकि प्रशासन की दृष्टि से ऐसी व्यवस्था होनी चाहिये ।

Kejriwal Modi : सन् 2014 में भी अरविन्द केजरीवाल मोदी जी के खिलाफ लड़े थे । तब कांग्रेस, सपा, बसपा सभी ने अपने उम्मीदवार खड़े कर रखे थे अत: विपक्ष के वोट बंट गये । यूं मोदी जी ने 2014 का चुनाव दो जगह से लड़ा था बनारस और गुजरात से । परन्तु वे बनारस की जीत के लिए पूरी तरह आश्वस्त थे ।

Kejriwal Modi : असल में मोदी जी को टक्कर देना आसान नहीं है । एक तो उनका अपना व्यक्तित्व है, करिश्माई हैं, अच्छा भाषण देते हैं, देश में लाभार्थियों को वोट बैंक बना लिया है फिर आर.एस.एस. के कार्यकर्ताओं की भीड़ है ।

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Kejriwal Modi : विपक्ष बंटा हुआ है । जब सोनिया जी और राहुल पर ईडी का छापा पड़ता है तो वह कहते हैं कि इन एजेन्सियों का दुरुपयोग हो रहा है, परन्तु जब मनीष सिसोदिया पर छापा पड़ता है तो वह आम आदमी पार्टी के विरोध में होते हैं और कहते हैं कि सीबीआई ने छापा डाला !

जहां तक भाजपा का सवाल है उनके प्रवक्ता जिस भाषा का प्रयोग टी.वी. चैनलों पर कर रहे हैं, वह भारतीय प्रजातंत्र के लिए चिंता का विषय है । ये प्रवक्ता कैसे कह सकते हैं कि अरविन्द केजरीवाल या सिसोदिया ने पैसों का गबन किया है ? यह काम कोर्ट का है । भारत के चीफ जस्टिस कई बार कह चुके हैं कि मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए । पर प्रधानमंत्री चुप हैं वैसे वे सबसे ज्यादा मुखर प्रधानमंत्री माने जाते हैं । राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष का बिखरापन साफ-साफ झलक गया ।

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Kejriwal Modi : यदि मोदी जी को टक्कर देनी है तो सभी विपक्षी को एकजुट होना होगा, तब भी मोदी जी को हराना आसान नहीं है कोई ऐसा चमत्कार हो जाए तो बात दूसरी है । असल में आम आदमी पार्टी दिवास्वप्न देख रही है ।

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