International market : बुक अंबेडकर, इस्लाम एंड द लेफ्ट की अंतरराष्ट्रीय बाजार में धूम

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International market :  बिहार के मिथिलेश की किताब अंबेडकर, इस्लाम एंड द लेफ्ट की अंतरराष्ट्रीय बाजार में धूम

International market :  पटना !   मौजूदा राजनीति में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को अपना बनाने की कोशिशों का सच बयान करती बिहार के मिथिलेश कुमार सिंह की पुस्तक ‘अंबेडकर, इस्लाम और वामपंथ’ के अंग्रेजी संस्करण ‘अंबेडकर, इस्लाम एंड द लेफ्ट’ की अंतरराष्ट्रीय बाजार में धूम मच गई है।

ज्ञान, तप, त्याग, वीरता, संघर्ष और परिवर्तन की धरा रही बिहार में आज भी चिंतन, लेखन का स्रोत प्रवाहित है। यहां के लेखक-कवि देश-विदेश में पढ़े जाते हैं। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ा है मिथिलेश कुमार सिंह का। यूं, तो श्री मिथिलेश ने कई पठनीय एवं संग्रहणीय पुस्तक लिखे हैं लेकिन बाबा साहब भीम राव अंबेडकर पर लिखी पुस्तक ‘अंबेडकर, इस्लाम और वामपंथ’ के अंग्रेजी संस्करण अंबेडकर, इस्लाम एंड द लेफ्ट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली है।

International market :  ब्रिटेन और अमेरिका सहित कई अंग्रेजी भाषी देशों में पाठकों के बीच लोकप्रिय इस पुस्तक ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेस्ट सेलर बुक की श्रेणी में जगह बना ली है। देश के कई विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रकाशन के कम समय में ही इस पुस्तक ने खास जगह बना ली है। आईसीएचआर व एआईसीटीई जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों और गोवा यूनिवर्सिटी सहित कई विश्वविद्यालयों के पुस्तकालय में विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए उपलब्ध है।

यूं, तो बाबा साहब और उनके विचारों पर यह पहली पुस्तक नहीं है, लेकिन मिथिलेश कुमार सिंह की अंबेडकर, इस्लाम और वामपंथ न सिर्फ बाबा साहब अंबेडकर के इस्लाम और वामपंथ के प्रति उनके विचारों को पाठकों के सामने रखती है बल्कि आज की ताजा राजनीति में अंबेडकर को अपना बनाने के प्रयासों के सत्य को उजागर करती है। लेखक ने बाबा साहेब को किसी धर्म विशेष के विरोधी के रूप में उनके विचारों को सीमित दायरे में घेराबंदी को तोड़ने का सशक्त तर्क प्रस्तुत किया है।

International market :   लेखक ने अपनी किताब में बताया है कि बाबा साहब किसी खास धर्म के न तो विरोधी थे, न किसी धर्म के दायरे में उनके विचारों को सीमित किया जा सकता है। बाबा साहब के लिए स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सर्वोपरि रहा। उन्होंने कथित कुरीतियों के लिए हिंदू और इस्लाम दोनों धर्मो को आईना दिखाया। पुस्तक में अंबेडकर के विचारों को आज के परिप्रेक्ष्य में रख कर लेखक ने उनके विचारों को सीमित करने वाले तर्कों को बिंदुवार ध्वस्त किया है और बताया है कि अंबेडकर के विचार इस्लाम और वामपंथ, दोनों को लेकर कितने स्पष्ट थे। अंबेडकर इस्लाम और वामपंथ के बारे में क्या सोचते थे, मिथिलेश कुमार सिंह की पुस्तक इन सभी बातों को स्पष्टता से रखती है।

 

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वर्तमान में लेखक मिथिलेश कुमार सिंह गोपाल नारायण सिंह विश्विद्यालय में सहायक रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत हैं और लंबे समय से लेखन से जुड़े हैं। मिथिलेश सिंह ने कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों समेत राष्ट्रीय स्तर पर कई संस्थानों में अंबेडकर पर व्याख्यान दिया है।

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