Indian women’s hockey महिला हॉकी टीम ने वंचित बच्चों के साथ बिताया दिन
Indian women’s hockey बेंगलुरु ! भारतीय महिला हॉकी टीम ने खेलों में विविधता और समावेशिता के महत्व पर जोर देने के लिये शनिवार को 75वें ओलंपिक दिवस के अवसर पर भूमि एनजीओ के बच्चों से मुलाकात की।
भारतीय टीम ने भूमि एनजीओ के साथ काम करने वाले आश्रय गृह शिशु मंदिर के बच्चों को ओलंपिक दिवस की सैर के लिये यहां भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) आमंत्रित किया। इस तरह बच्चों को भारतीय टीम के साथ बातचीत करने का मौका मिला। भारतीय टीम की कई खिलाड़ी कुछ साधारण पृष्ठभूमि से आई हैं और उन्होंने बच्चों को यह दिखाने की कोशिश की कि खेल जीवन जीने का एक तरीका बन सकता है।
शिशु मंदिर के बच्चों ने भारतीय खिलाड़ियों को आमंत्रित करने के लिये उनका अभिनंदन किया और एक पहिये वाली साइकिल (यूनीसाइकिल) पर दर्शनीय प्रस्तुति की। उन्होंने एक यूनीसाइकिल को आज़माने में वरिष्ठ खिलाड़ी की सहायता भी की। इसके बाद, भारतीय खिलाड़ियों ने बच्चों को हॉकी की मूल बातें सिखाईं।
शिशु मंदिर की छात्रा पद्मा ने दौरे के बारे में कहा, “भारतीय महिला हॉकी टीम से मिलना एक शानदार अनुभव था। हमें उनमें वह जुनून देखने को मिला जो उन्हें हमारे देश के लिये अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करता है। उनसे हॉकी सीखने में भी बहुत अच्छा लगा। मैदान पर रहना और हॉकी स्टिक संभालना मेरे लिये बिल्कुल नया अनुभव था; मैंने कभी इस तरह की कल्पना करने की हिम्मत नहीं की थी।”
भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सविता ने कहा, “हम शिशु मंदिर के बच्चों से मिलकर अभिभूत हुए। यूनीसाइकिल के साथ उनका विशेष प्रदर्शन कुछ ऐसा है जो हमने पहले कभी नहीं देखा था।”
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सविता ने कहा, “खिलाड़ी होने के नाते हॉकी को सभी के लिये सुलभ बनाना और ओलंपिक मूल्यों को बढ़ावा देना हमारी जिम्मेदारी है। युवाओं के साथ दिन बिताना और शायद उन्हें प्रेरित करना बहुत अच्छा रहा।”