Indian Chess Ecosystem शतरंज इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए 65 करोड़ का बजट

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Indian Chess Ecosystem भारतीय शतरंज इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए 65 करोड़ का बजट

 

Indian Chess Ecosystem नयी दिल्ली !  अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष नितिन नारंग ने भारतीय शतरंज को अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक पहुंचाने और देश में शतरंज इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए 65 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है।

एआईसीएफ की आम सभा में इस पर चर्चा की गयी जिनका उद्देश्य पेशेवर और जमीनी स्तर के खिलाड़ियों के लिए वित्तीय और संस्थागत सहायता प्रदान करके भारतीय शतरंज इकोसिस्टम को मजबूत करना है। राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के लिए एआईसीएफ प्रो और एआईसीएफ पॉपुलर जैसे कार्यक्रमों का शुभारंभ, “हर घर शतरंज” के दृष्टिकोण को घरों में वास्तविकता प्रदान करेगा।

Indian Chess Ecosystem  कई प्रस्ताव जैसे शतरंज विकास निधि, सभी स्तरों पर खिलाड़ी अनुबंध और कोचिंग के साथ मजबूत वित्तीय सहायता की शुरुआत, जिला और राज्य संघों को आर्थिक रूप से समर्थन देना, विशिष्ट स्तर के प्रशिक्षण के लिए एक अत्याधुनिक राष्ट्रीय शतरंज अखाड़ा (एनसीए) की स्थापना, विशेष रूप से भारत के लिए एआईसीएफ रेटिंग प्रणाली, अभूतपूर्व पहल के रूप में काम करेगी और आने वाले वर्षों में भारतीय शतरंज इकोसिस्टम के विकास को गति देगी।

श्री नारंग ने कहा “खिलाड़ी शतरंज के केंद्र में हैं और कई लोगों को धन, संस्थागत समर्थन और अवसरों की कमी के कारण अपने जुनून से समझौता करना पड़ता है। मैं 65 करोड़ रुपये के बजट में शुरू की गई पहलों के माध्यम से प्रत्येक खिलाड़ी के सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। हम जमीनी स्तर के खिलाड़ियों को सशक्त बनाने और उन्हें उत्कृष्टता के वैश्विक स्तर पर लाने के उद्देश्य को सुनिश्चित करने के लिए, एक शतरंज विकास कोष स्थापित कर रहे हैं। मेरा मिशन ‘घर-घर शतरंज-हर घर शतरंज’ के आदर्श वाक्य के साथ शतरंज को हर घर तक पहुंचाना है। हम जिला संघों को सीधे सहायता देने वाले पहले महासंघ हैं।

 

Indian Chess Ecosystem  हम राज्य संघों को तीन साल तक 15 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता भी देंगे, और हम भारत-विशिष्ट खिलाड़ी रैंकिंग प्रणाली की शुरुआत करते हुए एआईसीएफ प्रो के तहत आयु समूहों में 2 करोड़ के व्यय के साथ 42 खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी अनुबंध शुरू करेंगे। शीर्ष 20 एफआईडीई-रेटेड खिलाड़ियों को 25,00,000 रुपये और 12,50,000 रुपये प्रति वर्ष का अनुबंध मिलेगा, जिसकी कुल लागत 4 करोड़ रुपये होगी। हम चाहते हैं कि युवाओं से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक, हर घर में शतरंज खेला जाए, जिसमें महिलाओं को शामिल करने पर विशेष ध्यान दिया जाए। मैं भारत को ग्रैंडमास्टरों के देश के रूप में उभरते हुए देखने की इच्छा रखता हूं।”

उन्होंने कहा कि प्रमुख पहलों में ‘वन नेशन, वन रजिस्ट्रेशन’, एक परिवर्तनात्मक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म, भागीदारी बढ़ाने के लिए बिना किसी लागत के राज्य संघों के लिए यूनिक लॉगिन क्रेडेंशियल के साथ खिलाड़ियों के लिए निर्बाध पंजीकरण की सुविधा प्रदान करेगा। यह राजस्व और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए स्कूल और प्रारभिक स्तर के टूर्नामेंटों के लिए एकायात रेटिंग प्रणाली भी शुरू करना भी शामिल है। एआईसीएफ अंडर-7 से अंडर-19 आयु वर्ग के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के लिए दो साल का अनुबंध करेगा, जिसमें संबंधित श्रेणियों के तहत खिलाड़ियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से 20,000 रुपये से 50,000 रुपये तक की धनराशि वितरित की जाएगी। खिलाड़ी शैक्षणिक संस्थानों में ‘मीट द चैंपियंस’ जैसी जमीनी स्तर की पहल के माध्यम से शतरंज को बढ़ावा देंगे।

Indian Chess Ecosystem उन्होंने कहा कि शतरंज में उत्कृष्टता को पहचानने और पुरस्कृत करने के लिए, शीर्ष 10 पुरुष और महिला भारतीय खिलाड़ियों को उनकी एफआईडीई रैंकिंग के आधार पर नकद पुरस्कार आवंटित किया जायेगा। शीर्ष पांच पुरुष और महिला खिलाड़ियों में से प्रत्येक को 25,00,000 रुपये मिलेंगे, जबकि छठे से 10वें स्थान पर रहने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को 12,50,000 रुपये से सम्मानित किया जाएगा। शतरंज में महिलाओं का लक्ष्य महिलाओं के लिए शतरंज में समावेशिता और अवसर को बढ़ाना है, तथा स्मार्ट गर्ल कार्यक्रम को न्यूनतम 50 वार्षिक कार्यक्रमों के साथ विस्तारित करना है, जिसमे प्रत्येक को 100,000 रुपये का सहयोग दिया जाएगा। इस प्रतिबद्धता को और मजबूत करते हुए, कोचों और मध्यस्थों के लिए प्रमाणन, एआईसीएफ-मान्यता प्राप्त कार्यक्रमों में महिला मध्यस्थों की भागीदारी और कैंपस एंबेसडर कार्यक्रम में शामिल करने जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा।

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