Human trafficking gang मानव तस्करी गैंग का भंडाफोड़, 03 नाबालिक बच्चों को पुलिस ने बचाया

Human trafficking gang

रमेश गुप्ता

 

Human trafficking gang बड़े सब्जबाग दिखाकर, बहला-फुसलाकर नाबालिग बच्चों को मानव तस्करी के लिए किया जाता था तैयार

 

Human trafficking gang रायपुर .. मानव तस्करी गैंग का भंडाफोड़,1 आरोपी गिरफ्तार अन्य फरार ,बच्चों की निकट रिश्तेदार ने उक्त नाबालिग बच्चों को बड़े सब्जबाग दिखाकर, बहला-फुसलाकर योजनाबद्ध तरीके से घटनाको दिया गया था अंजाम पुलिस की सक्रियता से 03 नाबालिक बच्चे मानव तस्करी का शिकार होने से बचे थी तपकरा पुलिस ने इनके विरुद्ध अप.क्र. 39/2024 धारा 363, 365, 366(क), 368, 120(बी), 370 भा.द.वि. के तहत अपराध पंजीबद किया है ।

पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने बताया कि कि प्रार्थी 65 वर्षीय ने 18 अप्रैल को थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसके नाती का करीब 07-08 वर्ष पूर्व एक्सीडेंट होने से मृत्यू हो गई एवं नाती की पत्नी ने अपने पति के देहांत होने के बाद दूसरी जगह शादी कर घर बसा ली। प्रार्थी के नाती के 03 बच्चे हैं, सबसे बड़ी लड़की उम्र 14 साल, मंझली लड़की 12 साल एवं सबसे छोटा लड़का जो 10 साल का है। बड़ी लड़की कक्षा 6वीं तक पढ़ाई करके पढ़ाई छोड़ दी है।

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उक्त तीनों बच्चे प्रार्थी के बड़े भाई जो जन्म से अपाहिज है उन्हीं के घर में रहते हैं, प्रार्थी एवं परिवार के लोग बीच-बीच में जाकर बच्चों को देख-रेख करते हैं। 12 अप्रैल को शाम लगभग 04 बजे प्रार्थी बकरी चराकर वापस अपने घर में आया तो उसकी बहू ने उसे बताया कि उसके तीनों पड़पोते-पोती घर में बिना किसी को बताये कही चले गये हैं, प्रार्थी द्वारा बच्चों की पतासाजी के दौरान उसे गांव के लोगों से पता चला कि तीनों बच्चों को उनके निकट रिश्तेदार के साथ स्कूटी में बैठकर जाते देखना बताया गया। प्रार्थी द्वारा निकट रिश्तेदार है यह सोचकर वह उसी समय उसे फोन नहीं किया। प्रार्थी 03 दिन बाद रिश्तेदार को फोन करके बच्चों के संबंध में पूछा तो वह बच्चों को नहीं जानती हूं, मेरे पास नहीं है बताई। प्रार्थी की उक्त रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

 

प्रकरण की अत्यंत संवेदनशीलता को देखते हुये एसडीओपी बगीचा श्रीमती निमिषा पाण्डेय के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर उक्त गुम बच्चों की पतासाजी हेतु लगाया गया, टीम द्वारा उक्त तीनों बच्चों को सकुशल बरामद कर थाना लाया गया।

पूछताछ में बच्चियों ने बताया कि घटना दिनांक के 02 दिन पूर्व उनकी रिश्तेदार उनके घर में आई थी और बोली कि मेरे साथ चलो, तो वह प्रार्थी को बिना सूचित किये उक्त दोनों बच्चियों को अपने साथ लेकर अपने घर आई, 02 दिन अपने साथ रखी फिर 12 अप्रैल को उसने अपने स्कूटी वाहन से दोनों बहनों को उनके घर तपकरा क्षेत्र स्थित घर में लेकर आई और बोली कि-”तुम्हारे पिताजी का पैसा निकलेगा, तुम लोग साथ में रहोगे तब मिलेगा, तुम लोग बाहर जाकर काम करोगे तो उसका भी पैसा मिलेगा और तुमलोगों का अमीर घर में विवाह करा दूंगी जिंदगी अच्छे से कटेगा, तुम्हारे भाई को भी ले जायेंगे“ कहकर चुपचाप चलना है किसी को नहीं बताना है कहते हुये अपनी बातों में लेकर तीनों भाई-बहन को स्कूटी वाहन में बैठाकर तपकरा आई और उन्हें बोली कि बस से कुनकुरी बस स्टैंड जाना फिर वहां से दूसरा बस पकड़कर कांसाबेल जाना है, मैं भी आती हूं।

 

कांसाबेल बस स्टैंड में उसकी सहेली मिलेगी कहकर वह बस किराये के लिये 500 रू. दी। फिर वह एक बस में बैठाई एवं कुनकुरी में बस बदलकर कांसाबेल पहुंचने पर उनकी रिश्तेदार एवं उसके साथी मिले। रिश्तेदार की साथी ने उन्हें पुनः बस में बैठाकर अम्बिकापुर ले गई उसके बाद रेल्वे स्टेशन अंबिकापुर में ले जाकर अब मेरे साथ रहना है कहते हुये ट्रेन के माध्यम से अनुपपुर होते हुये अपने घर छतरपुर (मध्य प्रदेश) ले गई। रिश्तेदार की साथियों ने दोनों बहनों को कहा कि-तुम लोग दिल्ली जाकर काम करना, अच्छा पैसा मिलेगा तुमलोगों का शादी भी कराना है, तुम्हारा भाई हमलोगों के पास रहेगा, वे लोग तीनों भाई-बहन को 3-4 दिन अपने पास बंधक बनाकर रखे थे, किसी से बातचीत नहीं करने देते थे। इसी दौरान एक दिन उनके पास एक लड़का को शादी करने के लिये बुलाये, बच्ची द्वारा शादी करने से मना करने पर वह वहां से चला गया।

इसी दौरान उन्हें पुलिस की सक्रियता के संबंध में जानकारी मिली एवं दबाव पड़ने पर वह अंबिकापुर तक उन बच्चों को छोड़ दिए। जशपुर जिले के एक गांव में निवासरत उक्त रिश्तेदार आरोपिया को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर बताई कि वह योजनाबद्ध तरीके से उक्त तीनों बच्चों को बहला-फुसलाकर अपने साथ घर में बिना किसी को बताये ले गई एवं दोनों बच्चियों को शादी करा दूंगी कहकर अपने साथियों को सौंप दी थी। रिश्तेदार ने बच्चियों की शादी कराने के लिये 03 लाख में सौदा कर ली थी जिसका एडवांश वह 20 हजार ले चुकी थी, 10 हजार रू. खर्च हो गये एवं शेष नगदी 10 हजार रू. नगद, स्कूटी वाहन एवं 01 नग मोबाईल को पुलिस द्वारा जप्त किया गया है। आरोपी उम्र 35 साल का कृत्य उक्त धारा सदर का अपराध पाये जाने पर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
प्रकरण की विवेचना कार्यवाही, बच्चों की बरामदगी एवं आरोपिया की गिरफ्तारी में एसडीओपी बगीचा श्रीमती निमिषा पाण्डेय, थाना प्रभारी तपकरा उ.नि. सुनील सिंह, स.उ.नि. प्रेमिका कुजूर, स.उ.नि. अनिल कामरे, स.उ.नि. सामुदान टोप्पो, म.आर. 633 मंजू यादव, आर. षिवपूजन साय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

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इस मामले में पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह (IPS) ने कहा है कि 01 आरोपी गिरफ्तार है, अन्य फरार आरोपियों की अतिशीघ्र गिरफ्तारी होगी, मामले में और बड़े खुलासे होने की संभावनाएं हैं।

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