History of Congress Party :कॉंग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव

History of Congress Party :

अजय दीक्षित

History of Congress Party :कॉंग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव

History of Congress Party :
History of Congress Party :कॉंग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव

History of Congress Party : 137 वर्ष पुरानी कॉंग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव होना है । अभी तक पिछले कुछ वर्षों में मनोनीत अध्यक्ष कामचलाऊ व्यवस्था के अन्तर्गत काम कर रहे हैं । जिस पार्टी के कर्णधार कभी महात्मा गांधी थे, वह एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है । कॉंग्रेस पार्टी के मुख्यालय में दिल्ली पत्र लिखने पर पार्टी के संविधान की प्रति नहीं मिली । जिले के वरिष्ठ कॉंग्रेसियों के पास भी पार्टी के संविधान की प्रति नहीं है । सभी राजनैतिक दलों का संविधान पार्टी कार्यालयों में नहीं है ।

https://jandhara24.com/news/102083/international-yoga-day-many-celebrities-including-home-minister-sahu-mp-saroj-pandey-did-yoga-gave-these-messages/
History of Congress Party : मेरे घर के सामने एक रिटायर्ड प्रोफेसर साहब रहते हैं, उनके पुस्तकों के निजी संग्रह में इण्डियन नेशनल कॉंग्रेस का सन् 1939 का विधान था । उसी से निम्नलिखित वक्तव्य लिखा जा रहा है ।

History of Congress Party : राष्ट्रपति का चुनाव

History of Congress Party :
History of Congress Party :कॉंग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव

(क) राष्ट्रपति के चुनाव के लिए कोई भी दस प्रतिनिधि संयुक्त रूप से किसी प्रतिनिधि या धारा 3 और 7 के अनुसार आवश्यक योग्यता रखने वाले किसी भूतपूर्व राष्ट्रपति के नाम का प्रस्ताव धारा 15 कर सकते हैं, लेकिन वह प्रस्ताव कांग्रेस के प्रधान मंत्री के पास वर्किंग कमेटी द्वारा निश्चित तारीख को या उससे पहले पहुँच जाना चाहिए ।

(ख) जिन नामों के लिए इस प्रकार प्रस्ताव आएँगे, प्रधान मंत्री उन्हें प्रकाशित कर देंगे और प्रकाशन के दस दिन बाद तक किसी भी उम्मीदवार को अपना नाम वापिस ले लेने का हक़ होगा ।

(ग) वापिस लिए गए नामों को छोड़ कर बाक़ी सब नाम प्रधान मंत्री द्वारा प्रकाशित कर दिए जाएँगे और उन्हें प्रांतीय कांग्रेस कमेटियों के पास भी भेज दिया जायेगा ।

(घ) जो तारीख वर्किंग कमेटी मुकर्ऱर करेगी उस दिन सूबा कॉंग्रेस कमेटी द्वारा नियत स्थान पर जा कर प्रत्येक प्रतिनिधि को राष्ट्रपति के पद के लिए किसी भी उम्मीदवार को वोट देने का हक़ होगा ।

(ङ) सूबा कांग्रेस कमेटी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में इस बात की सूचना भेजेगी कि किस उम्मीदवार के पक्ष में कितने नियमित वोट आए हैं ।

(च) सूबा कांग्रेस कमेटियों की रिपोर्ट के बाद जितनी जल्दी हो सकेगा प्रधान मंत्री जिसके नाम के लिए सब से ज्यादा वोट मिले हों, उसे निर्वाचित राष्ट्रपति घोषणा करेंगे, बशर्ते कि उम्मीदवार को पचास प्रतिशत से कम वोट नहीं मिले हों ।
(छ) अगर किसी भी उम्मीदवार को आवश्यक प्रतिशत संख्या में वोट नहीं मिलते तो प्रधान मंत्री द्वारा निश्चित तारीख को प्रत्येक सूबे के प्रतिनिधि मिल कर पिछले चुनाव में सब से अधिक संख्या में वोट पाने वाले दो उम्मीदवारों में से एक को चुन लेंगे और सूबा कॉंग्रेस कमेटियों से चुनावफल की रिपोर्ट पाने के बाद दोनों में से अधिक वोट पाने वाले को प्रधान मंत्री निर्वाचित राष्ट्रपति घोषित कर देंगे ।

Pitru Paksha Shradh 2022 : पितरों की पूजा के लिए बहुत शुभ माने जाते हैं ये नक्षत्र, श्राद्ध से होगी हर मनोकामना
(ज) निर्वाचित राष्ट्रपति की मृत्यु या इस्तीफ़े के कारण विशेष परिस्थिति उत्पन्न होने पर प्रधान मंत्री उपरोक्त विधि से प्रतिनिधियों द्वारा नए राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए तारीख नियत करेंगे । यदि इस रीति से चुनाव संभव न हो सके तो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी राष्ट्रपति का निर्वाचन करेगी ।

विषय निर्वाचन समिति

(क) वार्षिक अधिवेशन से पहले निर्वाचित नई अखिल भारतीय कॉंग्रेस कमेटी की बैठक नव निर्वाचित राष्ट्रपति के सभापतित्व में खुले अधिवेशन से कमजक़म दो दिन पहले होगी ।

नव धारा 16 निर्वाचित राष्ट्रपति की अध्यक्षता में पुरानी वर्किंग कमेटी विषय निर्वाचन समिति के सामने अधिवेशन के लिए कार्यक्रम का मसविदा पेश करेगी, जिसमें वे प्रस्ताव भी शामिल होंगे जो प्रांतीय कॉंग्रेस कमेटियों की ओर से पेश किए गए हों ।

(ख) विषय निर्वाचन समिति कार्यक्रम पर बहस करेगी और खुले अधिवेशन में पेश किए जाने के लिए प्रस्ताव पास करेगी। वर्किंग कमेटी के प्रस्तावों के अलावा एक दिन उन तजवीज़ों पर ग़ौर करने के लिए दिया जायेग जिनकी सूचना नियमानुसार प्रांतीय सूबा कॉंग्रेस कमेटियों और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों की ओर से दे दी गई हो ।

धारा-3 में पार्टी की सदस्यता के बारे में लिखा गया है कि 18 साल या उससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति 4 आना शुल्क देकर पार्टी का सदस्य बन सकता है इसे वोट देने का अधिकार होगा ।

धारा -7 में यह प्रावधान है कि वही सदस्य वोट दे सकता है जिसका नाम सूची में चुनाव से 12 महीने पहले का है ।
नोट : तब पार्टी के अध्यक्ष को राष्ट्रपति कहते थे । कार्यवाही की भाषा हिन्दुस्तानी होगी या प्रान्तों में प्रान्तीय भाषा ।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU