problem of waterlogging – हाईकोर्ट:जलभराव की समस्या पर हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती

High Court: High Court showed strictness on the problem of waterlogging

जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की

 

बिलासपुर । बारिश के चलते जलभराव की समस्या को हाईकोर्ट ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने नगरीय प्रशासन सचिव, कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त से पूछा है कि ड्रेनेज सिस्टम की खराबी दूर करने के लिए क्या किया गया है, इस पर शपथ पत्र के साथ जवाब दें। मामले की सुनवाई आज भी होगी।

दरअसल, बारिश से पहले नगर निगम ने नालियों की सफाई कराने का दावा किया था। लेकिन, बारिश होते ही गली मोहल्लों की नालियों में कचरे, गंदगी की वजह से जलजमाव की समस्या शुरू हो गई। इस दौरान बारिश का पानी गली और सड़कों में भर गया। हल्की बारिश के दौरान कश्यप कॉलोनी में अधूरे नाली निर्माण के कारण पुराना बस स्टैंड क्षेत्र में सड़क पर जलभराव की स्थिति निर्मित हो गई। जिसके बाद बारिश बंद हुई तो पानी खाली होने में एक घंटे से अधिक का समय लग गया।

बिजली की समस्या से भी हलाकान है शहरवासी इसके साथ ही बारिश से पहले बिजली विभाग ने भी मेंटनेंस कराने का दावा किया था, जिसके लिए अलग-अलग इलाकों में घंटों बिजली बंद किया गया। लेकिन, बारिश शुरू होते ही शहर में ब्रेक डाउन की समस्या शुरू हो गई है। बारिश के बीच बिजली विभाग लगातार कटौती कर रहा है, जिसके लिए तकनीकी समस्या को कारण बताया जा रहा है।

हाईकोर्ट ने माना जनहित याचिका
जलभराव और बिजली की समस्या पर प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट को हाईकोर्ट ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव, सीएसपीडीसीएल के चेयरमैन, बिलासपुर कलेक्टर बिलासपुर और नगर निगम आयुक्त को पक्षकार बनाते हुए शपथपत्र के साथ जवाब मांगा है। इस मामले की सुनवाईगुरुवार को भी होगी। इस दौरान अफसरों को अपना जवाब देना होगा।

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