Great poet Suryakant Tripathi Nirala साहित्यकार और पत्रकार को निराला से सीखना चाहिए आशा और विश्वास को जागृत करने का कार्य

Great poet Suryakant Tripathi Nirala

Great poet Suryakant Tripathi Nirala हर साहित्यकार और पत्रकार को निराला से सीखना चाहिए: प्राे़ संजय द्विवेदी

 

Great poet Suryakant Tripathi Nirala झांसी !  उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (बुंविवि) में महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की स्मृति में गुरूवार को आयोजित कार्यक्रम में भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने कहा कि हर साहित्यकार और पत्रकार को निराला से सीखना चाहिए।

Great poet Suryakant Tripathi Nirala विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग तथा पंडित दीनदयाल शोधपीठ द्वारा आयोजित निराला व्याख्यान श्रृंखला कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो़ द्विवेदी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि निराला की कविताएं आशा और विश्वास को जागृत करने का कार्य करती हैं। हर साहित्यकार और पत्रकार को निराला से सीखना चाहिए। निराला ने अपनी कविता के माध्यम से राम के व्यक्तित्व को जन जन तक फैलाया।

उन्होंने भाषा पर जोर देते हुए कहा कि भाषा में हर भावना को व्यक्त करने का सामर्थ्य है। हिंदी भाषा ने खुद को समर्थ किया है। हिंदी आज पूरे विश्व में संवाद की भाषा बनने की राह पर है, जहां जहां हिंदी भाषी रहते हैं यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि वह भाषा के राजदूत की तरह काम करें। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत का सबसे सुंदर हिंदी विभाग है।

Great poet Suryakant Tripathi Nirala कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने कहा कि निराला की कविताएं आपको साहित्य से जोड़ती है। अधर्म पर धर्म की जीत को साहित्य में स्थापित करने का काम निराला ने किया था। निराला की कविताएं व्यक्ति को अवसाद से निकलने में मदद कर सकती है. उनकी रचनाएं आशा और उम्मीद को जागृत करती हैं। निराला अपनी रचना राम की शक्ति पूजा के माध्यम से यह सिखाते हैं कि हर परिस्थिति में स्थिर कैसे रहा जाए।

Bharat Ratna and Master Blaster Cricketer सचिन ने पत्नी अंजलि के संग किया मोहब्बत की इमारत ताज की खूबसूरती का दीदार

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर एसपी सिंह ने कहा कि निराला बहु आयामी थे,उन्होंने हर क्षेत्र में अहम योगदान दिया। कार्यक्रम का संचालन हिंदी भाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मुन्ना तिवारी तथा आभार डॉक्टर अर्चना पांडे ने किया. कार्यक्रम में डॉ. श्रीहरि त्रिपाठी, नवीन चंद्र पटेल, द्युति मालिनी, प्रेमलता श्रीवास्तव, सुधा दीक्षित, सुनीता वर्मा, पुनीत श्रीवास्तव, आकांक्षा सिंह, विजया समेत अनेक छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU