(Gorakhnath Temple) गोरखनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों पर जानलेवा हमले के दोषी मुर्तजा को फांसी की सजा

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(Gorakhnath Temple) चिकित्सक एवं महिला कांस्टेबल की गवाही अहम रही

(Gorakhnath Temple) लखनऊ !   उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पिछले साल अप्रैल में गोरखनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों पर जानलेवा हमले करने के दोषी अहमद मुर्तजा अब्बास को एटीएस की विशेष अदालत ने सोमवार को फांसी की सजा सुनायी है।


(Gorakhnath Temple) एटीएस के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवानों पर जानलेवा हमला करने, देश के विरुद्ध युद्ध छेड़ने और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत अहमद मुर्तजा अब्बासी को मृत्युदंड की सजा के साथ अन्य आरोपों में भी कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने अभियुक्त पर 44 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोका है।


(Gorakhnath Temple) विशेष न्यायाधीश ने मुर्तजा को भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के अंतर्गत मृत्युदंड एवं 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनायी। इसके अलावा अदालत ने उसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16, 20 और धारा 40 के तहत दस-दस साल की सजा और पांच-पांच हजार जुर्माने का आदेश दिया। अभियुक्त को धारा 153 ए के तहत पांच साल कारावास एवं दो हजार रुपए जुर्माना, धारा 186 में तीन माह का कारावास,धारा 307 में उम्रकैद और पांच हजार रूपये जुर्माना,धारा 332 में तीन वर्ष का कारावास, धारा 333 में तीन वर्ष का कारावास एवं 5 हजार रुपए जुर्माना, धारा 394 में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनायी गयी है।


(Gorakhnath Temple) गौरतलब है कि पिछले साल अप्रैल में गोरखनाथ मंदिर पर हमले के सिलसिले में गोरखनाथ थाने में मुर्तजा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। केमिकल इंजीनियरिंग से आईआईटी से बीटेक मुर्तजा ने तीन अप्रैल 2022 को गोरखनाथ मंदिर में तैनात पीएसी के जवानों पर धारदार हथियार से हमला किया था जिसे इलाके में अफरातफरी मच गयी थी।

(Gorakhnath Temple) सुरक्षा बलों ने मुर्तजा को गिरफ्तार कर लिया था।
अदालत ने आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को मृत्युदंड की सजा सुनाए जाने के बाद अपने आदेश में कहा है कि फैसले के खिलाफ अभियुक्त 30 दिनों के भीतर उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है।
मात्र नौ महीने की सुनवाई में घटना के चश्मदीद पीएसी जवान अनिल कुमार पासवान और उसके साथी के अलावा घायलों का मेडिकल करने वाले चिकित्सक एवं महिला कांस्टेबल की गवाही अहम रही। घटना के अगले दिन यानी चार अप्रैल 2022 को गोरखनाथ पुलिस स्टेशन में विनय मिश्रा की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।

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