Former Deputy Chief Minister of Bihar : बयानबाजी काम नहीं आएगी : सुशील
Former Deputy Chief Minister of Bihar : पटना ! बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव को देर-सबेर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सवालों का तथ्यपरक जवाब देना ही होगा।
Former Deputy Chief Minister of Bihar : मोदी ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में न राजनीतिक बयान काम आएंगे, न वे बार-बार मिले सम्मन पर अनुपस्थित होकर बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि भले ही श्री तेजस्वी यादव को आस्ट्रेलिया जाने के लिए ईडी से कुछ दिन राहत मिल गई या तारीख पर तारीख लेकर थोड़े दिन और खैर मना लें, लेकिन उन्हें देश की जांच एजेंसियों को बताना ही होगा कि ये अमित कात्याल कौन है, जिसकी कंपनी ने रेलवे में नौकरी पाने वालों की जमीन खरीदी ।
भाजपा सांसद ने कहा कि श्री तेजस्वी यादव को बताना होगा कि वे दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कालोनी के 150 करोड़ के मकान डी-1088 के मालिक कैसे बन गए और कौन हैं हृदयानंद चौधरी, जिन्होंने रेलवे के ग्रुप-डी की नौकरी पाने के बदले अपनी कीमती जमीन राबड़ी देवी और हेमा यादव को गिफ्ट कर दी ।
मोदी ने कहा कि तेजस्वी के राजनीतिक बयानों से ईडी की जांच प्रक्रिया और परिणाम पर कोई असर पड़ने वाला नहीं हैं, लेकिन उसका ताजा सम्मन जारी होने का असर यह है कि श्री तेजस्वी यादव फिर मुख्यमंत्री की ओर लौट रहे हैं। वे 20 दिन से श्री नीतीश कुमार के साथ मंच साझा नहीं कर रहे थे।
भाजपा सांसद कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पुख्ता सबूत उपलब्ध कराये थे और यह सब श्री नीतीश कुमार के इशारे पर हुआ था । इन्हीं कागजों के आधार पर सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया और राबड़ी-तेजस्वी समेत कई लोगों को जमानत लेनी पड़ी।
श्री मोदी ने कहा कि सीबीआई के आरोपपत्र दायर करने और इस आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई से लालू परिवार पर दबाव बढ़ा है। एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक अमित कात्याल की गिरफ्तारी के बाद परिवार पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है।