Fast track court Sakti नाबालिक किशोरी के नहाते समय का वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम में अपलोड करने वाले आरोपी को 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड की सजा
फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी का निर्णय
Fast track court Sakti सक्ती ! फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने नाबालिग बालिका के साथ लैंगिक आशय से उसका रास्ता रोककर तुमसे प्यार करता हूं कह कर हाथ- बाह पकड़ कर लैंगिक हमला कारित करने वाले एवं स्त्री के लज्जा भंग करने तथा पीड़िता की नहाते समय का अश्लील वीडियो तैयार कर अपने मोबाइल से इंस्टाग्राम मे अपलोड कर प्रकाशित, पारेसित करने वाले अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर आरोपी को 3 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है।
विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने बताया कि नाबालिक अभियोक्त्री 5 अक्टूबर 2021 को सुबह 10:00 बजे जब स्कूल जा रही थी तो आरोपी लैंगिक आशय से उसका रास्ता रोक कर तुमसे प्यार करता हूं कहकर पीड़िता की हाथ बाह को पकड़कर लैंगिक हमला कारित किया, स्त्री की लज्जा भंग किया तथा पीड़िता एवं उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दिया तथा दिनांक 12 अक्टूबर 2021 को पीड़िता बोर में स्नान कर रही थी तो आरोपी ने उसकी नहाते समय का अश्लील वीडियो तैयार किया तथा अपने मोबाइल से उसे इंस्टाग्राम में अपलोड कर दिया जिसका रिपोर्ट थाना हसौद में दर्ज कराया गया था ।
थाना हसौद द्वारा आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार कर उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज कर संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय शक्ति में पेश किया गया था । विशेष न्यायालय शक्ति ने उभय पक्षों को पर्याप्त समय अपने पक्ष रखने के लिए देने के पश्चात तथा अभियोजन एवं अभियुक्त पक्ष के अंतिम तर्क श्रवण करने तथा संपूर्ण विचारण पूर्ण होने के पश्चात न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया।
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अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध भारतीय दंड संहिता की धारा 509 , 354 ग एवं आईटी एक्ट की धारा 67 को संदेह से परे प्रमाणित कर दिए जाने से अभियुक्त राजू चौहान पिता जगन्नाथ चौहान उम्र 30 वर्ष निवासी रन पोटा थाना हसौद जिला सक्ती को विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी द्वारा सिद्ध दोष पाए जाने पर दोष सिद्ध घोषित किया गया तथा अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 509 के अपराध के लिए 1 वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹1000 के अर्थ दंड तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ग के अपराध के लिए 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹ 10,00 के अर्थदंड से एवं धारा 67 आई टी एक्ट के अपराध के लिए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹5000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है ।अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने किया ।