Dynamic University : गतिशक्ति विश्वविद्यालय को लगे पंख, एयरबस के साथ किया अहम करार पर हस्ताक्षर 

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Dynamic University : गतिशक्ति विश्वविद्यालय को लगे पंख, एयरबस के साथ किया अहम करार पर हस्ताक्षर

Dynamic University :  नयी दिल्ली !  भारतीय रेलवे के वडोदरा स्थित गतिशक्ति विश्वविद्यालय ने वैमानिकी के क्षेत्र में उच्च अभियांत्रिकी पाठ्यक्रम शुरू करने के मकसद ने आज फ्रांस की वैमानिकी कंपनी एयरबस के साथ एक अहम करार पर हस्ताक्षर किये।

Dynamic University :  रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और एयरबस इंडिया के प्रेसीडेंट रैमी मेलार्ड की मौजूदगी में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। समझौता ज्ञापन के अनुसार एयरबस के तकनीकी विशेषज्ञ और गतिशक्ति विश्वविद्यालय के शिक्षक मिल कर वैमानिकी उद्योग की जरूरतों के हिसाब से पाठ्यक्रम तैयार करेंगे और इसके बाद विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा। पढ़ाने के लिए एयरबस एकेडमी फ्रांस के शिक्षक और फैक्टरी में काम करने वाले तकनीकविद् भी बुलाये जाएंगे।

Dynamic University : रेल मंत्री ने इस मौके पर कहा कि वडोदरा में स्थापित एयरबस एवं टाटा की साझीदारी वाले उपक्रम में बनने वाले सैन्य एवं असैन्य परिवहन विमानों के निर्माण के लिए करीब 15 हजार योग्य प्रतिभाओं की पूर्ति गतिशक्ति विश्वविद्यालय से की जाएगी।

उन्होंने कहा कि अलस्टॉम, सीमेंस, डायचे बान के साथ में भी ऐसी साझीदारी के लिए बातचीत चल रही है। यही नहीं गतिशक्ति विश्वविद्यालय में हाईस्पीड रेलवे, मेट्रो और अब वैमानिकी के साथ साथ शिपिंग, पोतपरिवहन, नौवहन, ट्रकिंग, लॉजिस्टिक्स आदि के क्षेत्र में योग्य पेशेवरों को तैयार करने के लिए पाठ्यक्रम शुरू किये जाएंगे। इसके लिए शिपिंग क्षेत्र के उद्योगों के साथ भी बात चल रही है।

उन्होंने कहा कि यह ऐसा शिक्षण संस्थान बनाया जाएगा जिसमें हर छात्र के पास कोर्स पूरा होते ही जॉब के कम से कम दो प्रस्ताव होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में विदेशी छात्रों को भी गतिशक्ति विश्वविद्यालय में पढ़ने का अवसर दिया जाएगा।

एयरबस इंडिया के प्रेसीडेंट रैमी मेलार्ड ने कहा कि उनकी कंपनी भारत में मेक इन इंडिया के तहत शत प्रतिशत विनिर्माण शुरू करना चाहती है। एयरबस के विमान पूरी तरह से भारत में बनेंगे भी और निर्यात भी किये जाएंगे। इसके लिए कुशल मानवश्रम की जरूरत गतिशक्ति विश्वविद्यालय से पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि वैमानिकी के पाठ्यक्रम में विमान नौवहन, अनुरक्षण, विनिर्माण आदि सभी विधाओं को शामिल किया जाएगा।

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विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनोज चौधरी ने कहा कि गतिशक्ति विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की दक्षता को सर्वाेच्च स्तर का बनाने के लिए उद्योगों के साथ जीवंत एवं सतत संपर्क रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हर पाठ्यक्रम में पूरी पढ़ाई का कम से कम 40 प्रतिशत उद्योगों में कार्य अनुभव के रूप में होगा। उनकी पढ़ाई शत प्रतिशत रोजगारपरकता सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि इस समय विश्वविद्यालय में एमबीए और बी टेक के पांच पाठ्यक्रम चल रहे हैं और उनमें रेलवे का हिस्सा कम से कम 20-20 प्रतिशत है। अब वैमानिकी के क्षेत्र को भी बी टेक में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया आईआईटी के संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) के माध्यम से होती है।

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