Dr. Bhimrao Ambedkar Memorial Hospital : अब तक हार्ट अटैक को बीमारी माना जाता था, नियंत्रित कृत्रिम हार्ट अटैक को इलाज का जरिया बनाने का अनोखा केस
Dr. Bhimrao Ambedkar Memorial Hospital : रायपुर ! डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में हाइपर ट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी की बीमारी से ग्रस्त, 32 वर्षीय युवक को अल्कोहल सेप्टल एब्लेशन प्रक्रिया कर नई ज़िंदगी दी गई। कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव के नेतृत्व में हुए इस इंटरवेंशनल उपचार प्रक्रिया में मरीज की हृदय की नसों में शुद्ध अल्कोहल की कुछ मात्रा को इंजेक्ट कर दिल में कृत्रिम लेकिन नियंत्रित हार्ट अटैक किया गया।
डॉ. स्मित श्रीवास्तव के अनुसार, हाइपर ट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी एक वंशानुगत स्थिति है जिसमें दिल की मांसपेशी असामान्य रूप से मोटी हो जाती है। दिल की मांसपेशी मोटी हो जाने की वजह से दिल के लिए खून पंप करना कठिन हो जाता है। आमतौर पर इस रोग का पता चल नहीं पाता। ऐसी स्थिति वाले ज्यादातर लोगों में कोई लक्षण नहीं होते। कुछ लोगों को सांस फूलना, सीने में दर्द या दिल की असामान्य धड़कन जैसी समस्याएं हो सकती है।
अल्कोहल सेप्टल एब्लेशन क्या है?
Dr. Bhimrao Ambedkar Memorial Hospital : अल्कोहल सेप्टल एब्लेशन हाइपर ट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी के इलाज के लिए एक नॉन-सर्जिकल प्रक्रिया है। अल्कोहल सेप्टल एब्लेशन कैथेटर के सहारे की जाने वाली प्रक्रिया है। कैथेटर के सिरे पर एक गुब्बारा होता है। तकनीक कोरोनरी एंजियोप्लास्टी के समान है जिसमें फ्लोरोस्कोपिक (एक्स-रे) और इकोकार्डियोग्राफिक (अल्ट्रासाउंड) मार्गदर्शन के तहत धमनी में शुद्ध अल्कोहल की एक छोटी मात्रा को डाला जाता है। अल्कोहल दिल की कुछ मांसपेशियों की कोशिकाओं को सिकोड़ देता है जिससे दिल से होकर शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। प्रोसीजर के बाद बलून को शरीर से बाहर निकाल देते हैं।