Delhi High Court दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रदर्शनकारी वकीलों को दी चेतावनी
Delhi High Court नयी दिल्ली ! दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में बुधवार को प्रदर्शन कर रहे आम आदमी पार्टी (आप) के वकीलों को अपने जोखिम पर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।
दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने सवाल किया कि अदालत परिसर में वकील कैसे विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
Delhi High Court यह मामला आप के कानूनी प्रकोष्ठ द्वारा दिए गए एक अपील से संबंधित है कि आप के वकील दिल्ली की सभी जिला अदालतों के साथ-साथ उच्च न्यायालय में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
Delhi High Court आप के कानूनी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अधिवक्ता संजीव नासियार ने सभी वकीलों से आह्वान किया था कि वे अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठा हों क्योंकि मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ साजिश रची गई है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल के प्रति समर्थन दिखाने के लिए वकील समुदाय ने बुधवार, 28 मार्च को दोपहर 12:30 बजे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
दिल्ली बार काउंसिल के उपाध्यक्षनासियार ने कहा कि वकील पटियाला हाउस कोर्ट, द्वारका कोर्ट, साकेत कोर्ट, कड़कड़डूमा कोर्ट, तीस हजारी कोर्ट और राउज एवेन्यू कोर्ट सहित दिल्ली की सभी जिला अदालतों में इकट्ठा होंगे और वहां आंदोलन करेंगे।
दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति मनमोहन के सामने जब यह मामला रखा गया कि दिल्ली की सभी अदालतों के वकील केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध करेंगे, तब न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि अदालत में इस तरह का विरोध प्रदर्शन करने के परिणाम बहुत गंभीर होंगे।
न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि वह कल इस मामले की सुनवाई कर सकते हैं, साथ ही न्यायालय ने अदालत परिसर में विरोध प्रदर्शन करने के खिलाफ वकीलों को चेतावनी भी दी है।
न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि अदालत परिसर में गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के गंभीर परिणाम होंगे और यहां पर उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिपादित किए गए कानूनों को लागू किया जाएगा। अदालत को बाधित नहीं किया जा सकता है और इसे रोका नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि वादकारियों को न्यायालय में प्रवेश करने से नहीं रोका जा सकता है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि आप का कानूनी प्रकोष्ठ किसी नागरिक को अदालत का दरवाजा खटखटाने के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं कर सकता है, यह कानून सम्मत नहीं है, अगर कोई ऐसा करता है, तो वह अपने जोखिम पर ऐसा करेगा और अगर आवश्यक हुआ तो अदालत कार्रवाई करेगी।
बीसीआई अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में राष्ट्रीय राजधानी के कानून संबद्ध लोगों से अनुचित आंदोलन में शामिल होने या विभाजनकारी राजनीति के आगे झुकने का विरोध करने की अपील की।
श्री मिश्रा ने वकीलों से वकालत के पेशे की अखंडता एवं गरिमा को बनाए रखने का आग्रह किया और कहा कि जब तक कि एक सक्षम अदालत स्पष्ट रूप से श्री केजरीवाल की बेगुनाही साबित नहीं करती है या उनकी गिरफ्तारी को अन्यायपूर्ण या गैरकानूनी घोषित नहीं करती है, तब तक किसी भी आंदोलन से परहेज करें।
दिल्ली उच्च न्यायालय की चेतावनी के बावजूद, आप के वकीलों ने भारी संख्या में इकट्ठा होकर संजीव नासियार के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया।