Dantewada Chhattisgarh Latest News पीड़ित आदिवासी परिवार ने भारतीय किसान यूनियन को सौंपा लिखित शिकायत
Dantewada Chhattisgarh Latest News दंतेवाड़ा /आदिवासी सामाजिक कार्यकर्ता एवं किसान नेता संजय पंत ने गीतम वार्ड क्रमांक 1 में निवासरत आदिवासी परिवारों के साथ हो रहे अन्याय अत्याचार को गंभीरता से लेते हुए प्रेस नोट जारी कर कहां की आदिवासी सरकार के राज में गैर आदिवासी तथा कथित राज नेताओं का चल रहा है राज उजड़ रहे हैं धरती के मूल मालिक आदिवासियों के आशियाने:
धरती के मूल मालिक कहे जाने वाले आदिवासियों के साथ हो रहे गैर आदिवासी तथाकथित नेता मनीष सुराना के द्वारा किये जा रहे अन्याय, अत्याचार एवं जमीन हथियाने के मामले पर प्रकाश डाला है।
Dantewada Chhattisgarh Latest News किसान नेता कहते हैं कि असली मालिक आदिवासियों द्वारा अवैध कब्जा बताते हुए उनके आशियानों को तोड़ा जा रहा है। मूल निवासी आदिवासियों के लिए इससे बड़ी दुर्भाग्य की बात क्या हो सकती है की उनके अपने ही बस्तर क्षेत्र में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
Dantewada Chhattisgarh Latest News छत्तीसगढ़ प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बनी सरकार की असफलता का दुष्प्रभाव आदिवासी समाज पर पड़ रहा है। इस दुष्प्रभाव पर समीक्षात्मक टिप्पणी करते हुए संजय पंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में आदिवासी सरकार है एवं बस्तर संभाग में 11 आदिवासी विधायक आरक्षित सीटों से चुने जाते हैं। दंतेवाड़ा जिले के विकासखंड गीदम में आदिवासी विधायक होते हुए भी आदिवासियों के आशियानों को गैर आदिवासी नेता द्वारा जबरन उजाड़ा जाना बड़ा ही गंभीर विषय है।
भाजपा के तथाकथित नेता द्वारा सत्तासीन पार्टी का नेता हूं मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा कहते हुए डराना धमकाना और आदिवासियों के आशियानों को बुलडोजर से तोड़वा देना कहां तक सही है। दीगर प्रदेशों से आकर और अनुसूचित क्षेत्र में बसकर जमीन के मूल मालिक आदिवासियों को ही डराना धमकाना सर्वमूल आदिवासी समाज एवं मूल निवासियों के लिए एवं आने वाली पीढियों के लिए खतरे की घंटी है।
इस मुद्दे पर समस्त मूल समाजों को गंभीरता से चिंतन मनन करने की आवश्यकता है। भूमि के मूल मालिक आदिवासियों को प्रताड़ित करने वाले एवं आदिवासियों के आसियानों को उजाड़ने वाले गैर आदिवासी नेता को आदिवासी समाज की तरफ से याद दिलाना चाहते हैं कि इस भूमि के मूल मलिक आदिवासी हैं खुद भी जहां निवासरत हैं धरती के मूल मालिक आदिवासीयों की भूमि पर निवास कर रहे हैं इसे नहीं भूलना चाहिए।
मूल निवासी आदिवासी समाज अपने पर आ जाए तो सत्ताधारी सरकार का नाम लेकर धमकी देना एवं आरक्षित सीटों से चुने गए राजनेताओं को गुमराह कर अपनी निजी स्वार्थ जिंदगी सिद्ध करने की मानसा रखने वाले गैर आदिवासी तथाकथित नेता बनकर अनुसूचित क्षेत्रों में राजनीति रोटी सेकना बंद करना चाहिए।
पेसा कानून लागू क्षेत्रों में दिगर प्रदेशों से आकर आदिवासीयों की भूमि में बस कर आदिवासियों कि ही आशियानों को तुड़वाना प्रताड़ित करना एवं अपने आप को बड़े राजनेता मानने वाले तथाकथित नेता भूल जाते हैं की पेसा कानून लागू क्षेत्रों में आदिवासियों मूल निवासियों के खिलाफ निजी स्वार्थ राजनीति करना गैर कानूनी है।