(Congress culture) कांग्रेस के आरोपों पर तीखा पलटवार : आरोप लगाने से पहले डेटॉल से मुंह साफ करना चाहिए

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(Congress culture) कांग्रेस की संस्कृति जीजा, भाई-भतीजा को लाभ पहुंचाना : सीतारमण

(Congress culture) नयी दिल्ली !  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में अडानी उद्याेग समूह को लाभ पहुंचाने और अल्पसंख्यकों के साथ भेद-भाव करने के कांग्रेस के आरोपों पर तीखा पलटवार करते हुए शुक्रवार को कहा कि इस पार्टी को भ्रष्टाचार के आरोप लगाने से पहले डिटाल से अपना मुंह साफ करना चाहिए।

सीतारमण ने बजट 2023-24 पर तीन दिन की सामान्य चर्चा का समापन करते हुए अपने वक्तव्य के आखिरी

(Congress culture) दौर में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा, “ कांग्रेस के नेता ने, मैं उन्हें विपक्ष का नेता भी कह सकती हूं, कहा था कि इस बार के बजट में ग्रीन एनर्जी (हरित ऊर्जा) के लिए किए गए प्रावधान किसी एक व्यक्ति के फायदे को ध्यान में रखकर किए गए हैं।’

वित्त मंत्री ने कहा, “ हम देश को ध्यान में रख कर काम करते हैं। विपक्ष ने नेता का बयान आपत्तिजनक है। जीजा, भाई-भतीजा को लाभ पहुंचाने की संस्कृति उनकी है, हमारे यहां यह संस्कृति नहीं है। ”

(Congress culture) वित्त मंत्री ने कहा, “ उनके ऐसे आरोपों का उनकी ही भाषा में जवाब दिया जाना जरूरी है। मैं इस तरह के आरोप सहन करने वाली नहीं हूं।”

उस समय श्री राहुल गांधी सदन में नहीं थे, लेकिन लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी अपनी सीट पर मौजूद थे। इससे पहले उन्होंने चर्चा के दौरान सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी पर कहा, “यह कमाल है कि कांग्रेस भ्रष्टाचार की बात करती है।

(Congress culture) उन्होंने कांग्रेस के सदस्यों की ओर देखते हुए कहा कि उन्हें भ्रष्टाचार पर मुंह खोलने से पहले डिटाल से अपना चेहरा साफ कर लेना चाहिए। ”

बजट में अल्पसंख्यकतों के साथ भेदभाव के आरोप पर भी कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा,

“ अधीर जी ऐसी भावनात्मक बात करते हैं जैसे कि हम अल्पसंख्यकों को पसंद नहीं करते। उन्होंने हमें एक खास समुदाय का विरोधी बताया है और कहा है कि हमने उनके लिए बजट कम कर दिया है। मैं विनती के साथ बोलना चाहती हूं कि आवंटन कम नहीं किया गया है।”

श्रीमती सीतारमण ने इसी बीच ग्लास से पानी पीकर बात को आगे बढ़ाया और कहा, “ मैं चिल्लाने के लिए पानी की मदद ले रही हूं। ” इसके बाद उन्होंने कांग्रेस की तत्कालीन सरकार को असम के ‘नेल्ली जनसंहार’, 1984 के सिख विरोधी दंगोें और 1966 में गोहत्या विरोधी आंदोलनकारी साधु समाज पर सरकार की ओर से बज्र कार्रवाइयों का जिक्र करते हुए उन पर तीखा हमला बोला।

उन्होंने इन घटनाओं का उल्लेख करते हुए बार-बार कहा, “क्या उस समय उन लोगों के बजट प्रावधान कम कर दिए गए थे।”

वित्त मंत्री ने कहा कि नेल्ली जनसंहार के समय में निर्वाचन आयोग ने चुनाव न कराने की सलाह दी थी, पर उसे नहीं माना गया था। उन्होंने कहा कि बजट के प्रावधान से किसी समुदाय के प्रति पसंद-नापसंद आंकने वालों से वह कहना चाहेंगी कि “हम किसी के साथ भेदभाव नहीं करते।”

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