Chhattisgarh High Court कोल परिवहन को प्राथमिकता देने और यात्री ट्रेने रद्द होने पर उच्च न्यायालय सख्त
Chhattisgarh High Court बिलासपुर ! छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने कोल परिवहन को प्राथमिकता देने और यात्री ट्रेनों के निरन्तर रद्द होने पर कड़ा रूख अपनाते हुए रेलवे को इस बारे में प्रति शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया हैं।
Chhattisgarh High Court मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा एवं न्यायमूर्ति रविन्द्र कुमार अग्रवाल की दो सदस्यीय खंडपीठ ने यात्री ट्रेनों के लगातार निरस्त होने के मामले में दाखिल एक जनहित याचिका की आज फिर सुनवाई की।पूर्व में हुई सुनवाई में यात्री ट्रेनों को निरंतर रद्द करने के मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र शासन और रेलवे बोर्ड से इस बारे में निर्देश लेकर जानकारी प्रस्तुत करने को कहा था।
आज खंडपीठ ने रेलवे बोर्ड से शपथपत्र पर रेल परिचालन को लेकर सारी जानकारी देने का निर्देश दिया।पीठ ने मामले को तीन सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया हैं।
Chhattisgarh High Court उच्च न्यायालय में कमल कुमार दुबे ने एक जनहित याचिका दाखिल की है जिसमें बताया गया है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में यात्री गाड़ियाँ लगातार रद्द की जा रहीं हैं। यात्रियों को अनेक अवसरों पर अचानक ही मालूम चलता है कि, अब यह एक्सप्रेस या पेसेंजर ट्रेन अब नहीं जाएगी। इसके साथ ही कई बार बीच रास्ते में ही ट्रेन निरस्त की जाती है।
इसकी वजह से हजारों की संख्या में आने जाने वाले यात्रियों को बेहद परेशान होंना पड़ता है। लंबे समय से रेलवे इसी तरह का व्यवहार करता आ रहा है, इसका निवारण करने में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।याचिका में बताया गया कि दूसरी ओर माल गाड़ियाँ उसी रूट पर लगातार चलाई जा रहीं हैं।
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आज हुई सुनवाई में रेलवे ने बताया कि देश में कोल परिवहन को प्राथमिकता दी जा रही है।उसने यह भी कहा कि इस संक्रमण काल के बाद कुछ समय में सब कुछ ठीक कर लिया जायेगा। सिर्फ छोटी दूरी की गाड़ियां ही रोकी जाती हैं। दूर की गाड़ियों को निरंतर चलाया जा रहा है। अदालत ने इन सब बिन्दुओं को लेकर शपथपत्र दाखिल करने को कहा हैं।