Chhattisgarh Breaking हौसला हो तो जिंदगी पटरी में भी लौट आती है, ऐसी ही कहानी है देवी सेठिया की जुबानी

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Chhattisgarh Breaking  कभी हादसे ने देवी सेठिया की छीनी थी जिंदगी, बैटरी चलित ट्राई सायकिल से मिली जिंदगी की नई राह

Chhattisgarh Breaking  रायपुर । जिंदगी में कई बार ऐसे हादसे हो जाते हैं जिनके साथ पूरी जिंदगी ही बदल जाती है लेकिन हौसला हो तो जिंदगी पटरी में भी लौट आती है। ऐसी ही कहानी है देवी सेठिया की है, कभी ड्राइवर का कार्य कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले तोकापाल विकासखण्ड के सिंघनपुर निवासी देवी सेठिया दूसरों को मंजिलों तक पहुंचाने का कार्य किया करते थे।

Chhattisgarh Breaking तीन वर्ष पूर्व एक हादसे में गाड़ी में तिरपाल बांधते वक्त हुए हादसे से एक भरी हुई बोरी उनपर आ गिरी और उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गयी। अचानक हुई दुर्घटना से उनका चलना दूभर हो गया। रायपुर में कई अस्पतालों में उपचार एवं ऑपरेशन के उपरांत भी उनका चलना फिरना पूरी तरह बंद हो गया। उनके घर की स्थिति खराब हो गयी।

इस संबंध में देवी सेठिया बताते हैं कि हादसे के बाद उनकी हिम्मत ही खत्म हो गयी था। दिन भर घर में बिस्तर में पड़े-पड़े सोचते काश वो अपने पैरों में खड़े होकर चल पाते पर दूसरे के सहारे आने जाने को मजबूर हो गए थे और दूसरे के ना होने पर अपने आप को बहुत असहाय महसूस करते थे।

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Chhattisgarh Breaking पत्नी की आय एवं खेतों में काम द्वारा प्राप्त छोटी सी आय में घर का गुजारा होना मुश्किल हो जाता था। अब समाज कल्याण विभाग द्वारा बैटरी चलित ट्राई सायकल के मिल जाने से उन्हें हौसला मिला है। अब वे दूसरे पर निर्भर नहीं है। अब वे स्वयं का व्यापार करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि अब वे अपना खुद का छोटा सा व्यवसाय चालू कर घर का पोषण कर सकेंगे।

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