Chhattisgarh बदहाल अगर ओरछा मार्ग : ग्रामीण आवाज उठाते हैं तो नक्सलियों द्वारा पर्चा जारी कर सुनाया जाता है मौत का फरमान

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Chhattisgarh : नक्सलियों और ओरछा मार्ग की बदहाल से दो पाटों में पिस रहे हैं त्रस्त ग्रामीण

 

Chhattisgarh : ठंडे बस्ते में आमदई से पल्ली तक सड़क निर्माण का कार्य – निको कंपनी ने ग्रामीणों को 12 किलोमीटर डामरीकृत सड़क  निर्माण का दिया था आश्वासन –

 

 

Chhattisgarh : नारायणपुर/छोटेडोंगर – आमदई माइंस में भारी वाहनों के चलने से नारायणपुर ओरछा मार्ग में राहगीरों का पैदल चलना तक दुभर हो गया है ।इस मार्ग में आए दिन लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। आमदई माइंस में भारी वाहनों के चलने से सड़क में बड़े -बड़े गड्ढे उभर आए हैं।इस मार्ग में रोजाना माइंस की सैकड़ों वाहनों का आना जाना लगा रहता है।

नारायणपुर ओरछा मार्ग की बदहाल सड़क को लेकर छोटेडोंगर के ग्रामीणों द्वारा कई बार सड़क पर उतर कर आंदोलन किया गया। परन्तु हर बार जिला प्रशासन व निको कंपनी द्वारा सड़क निर्माण का आश्वासन देकर मामले को शांत कराया गया।

Chhattisgarh : पिछले वर्ष भी नारायणपुर ओरछा मार्ग की बदहाल स्थिति को लेकर छोटेडोंगर के 7 पंचायतों के सैकड़ों ग्रामीणों द्वारा 8 जुलाई को हाईस्कूल के सामने चक्काजाम किया गया था दो दिनों के बाद जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार सौरभ तिवारी व पीडब्ल्यूडी एसडीओ बलराम सिंग नायक ने ग्रामीणों से कहा था कि विभाग द्वारा नारायणपुर ओरछा मार्ग का प्रपोजल सरकार को भेजा गया है जल्द ही इसकी स्वीकृति मिलने के बाद सड़क निर्माण का कार्य किया जाएगा वहीं निको कंपनी ने दो दिन के अन्दर आमदई से पल्ली तक डामरीकृत सड़क का निर्माण का आश्वासन ग्रामीणों को दिया था। परन्तु एक साल बीतने के बाद भी निको कंपनी केवल 400 मई सड़क का निर्माण कर सड़क निर्माण करने भूल गई ।

निको कंपनी द्वारा आवासप्लाट पारा छोटेडोंगर में जिस सड़क का निर्माण की है वह भी एक माह में क्षतिग्रस्त होकर गडृडो में तबदील हो गई है। वर्तमान में आमदई माइंस में रोजाना सैकड़ों वाहनों का आना जाना लगा रहता है इससे सड़कों से डामर पुरी तरह से उखड़ कर गडृडो में तबदील हो गई है। क्षेत्र के लोगों का दो पहिए वाहनों व चार पहिए वाहनों में सफर करना दुभर हो गया है।

 

 

Chhattisgarh : पहले छोटेडोंगर से नारायणपुर तक 43 किलोमीटर सफर करने में लगभग 1 घंटे का समय लगता था परन्तु जब से आमदई माइंस में भारी वाहनों का आना जाना शुरू हुआ है तब से सड़क का दम निकल गया और अब छोटेडोंगर से मुख्यालय पहुंचने के लिए दो घंटे का समय लगता है। सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को हो रही है जो रोजाना अपनी स्कूटी में सवार होकर मिलों सफल तय कर ड्यूटी पर जाती है । सड़क निर्माण के संबंध में जब निको से बात की गई तो कहा गया कि सड़क निर्माण का कार्य सरकार करेगी।

दो पाटों में पिस रहे हैं ग्रामीण – एक ओर नारायणपुर ओरछा मार्ग की बदहाल स्थिति से ग्रामीण त्रस्त है वहीं दूसरी ओर नक्सलियों की दहशत से सहमें हुए हैं बदहाल सड़क को लेकर अगर ग्रामीण आवाज उठाते हैं तो नक्सलियों द्वारा पर्चा जारी कर मौत का फरमान सुनाया जाता है । ग्रामीण दो पाटों के बीच पीस रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में छोटेडोंगर में नक्सलियों द्वारा लगातार जनप्रतिनिधियों की हत्या की जा रही है ।

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नक्सलियों को जन सरोकार रास नहीं आता है जब भी कोई जनप्रतिनिधि जनसरोकार का कार्य करता है नक्सलियों द्वारा उसकी निर्मम हत्या कर दी जाती है। छोटेडोंगर में बीजेपी जिला उपाध्यक्ष सागर साहू की हत्या व बीजेपी कार्यकर्ता कोमल मांझी की हत्या के बाद से क्षेत्र में दहसत का माहौल है ।आम जन बदहाल सड़क से त्रस्त है परन्तु नक्सलियों के खौफ से लोग आवाज नहीं उठा पा रहे हैं ।

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