chaitra navratri 2024 माँ सिद्धिदात्री
सुख-समृद्धि के लिए करें मां सिद्धिदात्री की पूजा
chaitra navratri 2024 चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री भक्तों को हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं। अंतिम दिन भक्तों को पूजा के समय अपना सारा ध्यान निर्वाण चक्र, जो कि हमारे कपाल के मध्य स्थित होता है, वहां लगाना चाहिए। ऐसा करने पर देवी की कृपा से इस चक्र से संबंधित शक्तियां स्वत: ही भक्त को प्राप्त हो जाती हैं। सिद्धिदात्री के आशीर्वाद के बाद श्रद्धालु के लिए कोई कार्य असंभव नहीं रह जाता और उसे सभी सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
नवरात्र का नवम दिवस सिद्धि प्रदान करने वाली माँ सिद्धिदात्री को समर्पित है। सिद्धि का अर्थ भौतिक वैभव नहीं अपितु आध्यात्मिक वैभव प्राप्त करना है। जो प्रभु की सुधि दिलाए वही सिद्धि है।
नौ दिन के ये व्रत, अनुष्ठान व्यक्ति को शारीरिक और आत्मिक रूप से शुद्ध करते हैं। जिसका जीवन शुद्ध है वही बुद्ध है और वही सच्ची सिद्धि को प्राप्त कर पाता है। शैल पुत्री अर्थात जड़त्व से प्रारम्भ होने वाला यह पर्व सिद्धि पर जाकर सम्पन्न होता है।
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जीवन का प्रारम्भ चाहे मूढ़ता से हो कोई बात नहीं पर समाप्ति सिद्धि ( ज्ञान प्राप्ति ) से हो, यही जीवन की वास्तविक उन्नति है। माँ दुर्गा भवानी से प्रार्थना करते हैं कि हमें गोविन्द चरणों में प्रीति हो, ऐसी सिद्धि प्रदान करें। नवरात्रों के इस पावन अवसर पर समस्त विश्व के मंगल एवं कल्याण की माँ दुर्गा के श्रीचरणों में प्रार्थना करते हैं।