Bihar politics breaking बिहार में विभागों के बंटवारे को लेकर जारी खींचतान के कारण मंत्रिमंडल विस्तार में देरी

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Bihar politics breaking  बिहार की राजग सरकार में विभागों के बंटवारे को लेकर खींचतान जारी

 

Bihar politics breaking  पटना  !   महागठबंधन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठित नई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में विभागों के बंटवारे को लेकर जारी खींचतान के कारण मंत्रिमंडल विस्तार में देरी होती दिख रही है।


मुख्यमंत्री कुमार ने 28 जनवरी को महागठबंधन को छोड़ दिया और राजग की सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया। कुमार के अलावा जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के दो, भाजपा के तीन, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के एक और एक निर्दलीय को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने शपथ दिलाई। श्री कुमार ने घोषणा की थी कि वह दो दिनों के अंदर अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे लेकिन चार दिन बाद भी शपथ लेने वाले मंत्रियों के बीच न तो विभागों का बंटवारा हुआ है और न ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो सका है।


Bihar politics breaking बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हम के संरक्षक जीतनराम मांझी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने कैबिनेट में दो सीटों की मांग की है। उनके बेटे संतोष कुमार सुमन को पहले ही मंत्री बनाया जा चुका है लेकिन वह पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता अनिल कुमार सिंह के लिए कैबिनेट मंत्री पद की मांग कर रहे हैं।


मांझी ने कहा, “ सिंह मगध क्षेत्र से ऊंची जाति के नेता हैं और उन्हें मंत्री बनाया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं से बात कर कैबिनेट में दो सीटें मांगी हैं। उन्होंने बताया कि हालांकि श्री शाह ने उनके दो मंत्री पद के अनुरोध के जवाब में कहा, ‘यह मुश्किल लग रहा है।’

 

Bihar politics breaking हम के संरक्षक ने कहा कि महागठबंधन की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री पद की पेशकश की गई थी। उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि वह उच्च सिद्धांत वाले नेता हैं और कोई भी उन्हें धन या पद की पेशकश करके आकर्षित नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि इतिहास में पहली बार मंत्रिमंडल विस्तार और आवंटन में इतनी देरी हुई है। उम्मीद है कि 05 फरवरी तक कैबिनेट का विस्तार हो जाएगा।

मांझी ने निर्दलीय सुमित सिंह को कैबिनेट में शामिल करने के बाद पसंदीदा विभाग दिए जाने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यदि निर्दलीय को पसंदीदा विभाग दिया जा रहा है तो हम से दो मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जाना चाहिए।

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Bihar politics breaking उल्लेखनीय है कि भाजपा मुख्यमंत्री कुमार से गृह विभाग की मांग कर रही है लेकिन इसके लिए वह तैयार नहीं हैं। लगभग 18 वर्षों के अपने लंबे कार्यकाल में  कुमार ने कभी भी गठबंधन के किसी अन्य घटक को गृह विभाग आवंटित नहीं किया है।

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