राजकुमार मल
Bhatapara Market Breaking कमजोर मांग के दौर से गुजर रहा पशु आहार
Bhatapara Market Breaking भाटापारा- धान में आई तेजी का खामियाजा पशुपालक और डेयरियां भुगत रहीं हैं क्योंकि पशु आहार के रूप में उपयोग किया जाने वाला कोढ़ा और रफी भी महंगा हो चुका है। संकट, दोहरा इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि मांग क्षेत्र खरीदी की मात्रा लगातार कम कर रहा है।
धान में चल रही तेजी विस्तार लेती नजर आ रही है। चावल और पोहा की कीमत बढ़ने के बाद अब कोढ़ा और रफी के भाव बढ़ने लगे हैं। सूखे दिनों में राहत देने वाली इन दोनों सामग्रियों में जिस अनुपात में तेजी आ रही है, उससे हलाकान हो चुके मवेशी पालक और डेयरी संचालकों के सामने विकल्प नहीं के बराबर है। इसलिए उतनी ही खरीदी की जा रही है, जितने में रोज की जरूरतें पूरी हो सके।
पहली बार 250 रुपए तेज
महंगी कीमत में धान की खरीदी कर रहीं राईस मिलों ने कोढ़ा की कीमत 950 रुपए क्विंटल कर दी है। पूर्व में यह 600 से 700 रुपए क्विंटल पर ठहरा हुआ था। इसके विपरीत पोहा कोढ़ा 700 से 750 रुपए पर स्थिर है। इसकी खरीदी को लेकर डेयरियां और पशुपालक रुझान कम दिखाते हैं। इसलिए इसकी कीमत में टूट की आशंका व्यक्त की जा रही है।
राह देख रही रफी
100 से 200 रुपए की गर्मी के बाद रफी की कीमत 1600 से 1700 रुपए क्विंटल बोली जा रही है। तेजी के पहले तक कोढ़ा के बाद मांग क्षेत्र में दूसरे स्थान पर रहने वाला यह पशु आहार अब कमजोर मांग के दौर से गुजर रहा है। सीजन के बावजूद इसमें भी खरीदी की मात्रा कम करने में लगी हुईं हैं डेयरियां।
कभी कम, कभी ज्यादा
ईट भट्ठों की मांग के दिन हैं। इसलिए धान भूंसा और राख की कीमत अस्थिरता से दो-चार हो रही है। 2800 से 3000 रुपए टन पर चल रहा धान भूंसा में तेजी के संकेत नहीं है क्योंकि बारिश के दिन करीब आ चुके हैं। कमोबेश कुछ ऐसी ही स्थिति राख में भी बनी हुई है, जो 500 से 900 रुपए प्रति ट्रॉली की दर पर स्थिर है।