राजकुमार मल
Bhatapara Market मिलेगी राहत महंगे गेहूं से… आ रही खबर, अच्छी फसल की
दलहन फसल पर मौसम की नजर
Bhatapara Market भाटापारा- 2500 से 2600 रुपए क्विंटल। उच्च गुणवत्ता वाले गेहूं में यह भाव नई फसल के आने तक बना रहेगा। दूसरी ओर दलहन में चल रही तेजी दीर्घकाल तक बने रहने की प्रबल आशंका है क्योंकि पुष्पन की स्थिति में आ रही फसल पर प्रतिकूल मौसम की नजर लग चुकी है।
बीते दो बरस से महंगाई की मार झेल रहे गेहूं उपभोक्ताओं को इस बरस राहत मिलने की संभावना बन रही है क्योंकि मौसम का पूरा साथ मिल रहा है। कृषि वैज्ञानिकों की नजर में यह स्थिति गेहूं उत्पादन का नया कीर्तिमान बना सकती हैं, तो व्यापारियों की धारणा, कीमत में टूट के रूप में देखी जा सकती हैं लेकिन दलहन में भाव मजबूती की ओर इशारा कर रहे हैं।
Bhatapara Market मिलेगी राहत महंगे गेहूं से
Bhatapara Market गेहूं के लिए मध्य प्रदेश पर निर्भर छत्तीसगढ़ को अरसे बाद राहत मिलने की संभावना है। मौसम का साथ इस बार प्रदेश के गेहूं उत्पादक किसानों को मिलने जा रहा है। यह भी पहली बार देखा गया कि किसानों ने बीज की खरीदी पर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा तैयार बीज को प्राथमिकता दी। यह दोनों कारक ऐसे रहे जिसकी वजह से गेहूं उत्पादन में नया आंकड़ा सामने आ सकता है। वर्तमान में मंडी पहुंच रहे उच्च गुणवत्ता वाले गेहूं की कीमत 2500 से 2600 रुपए क्विंटल बोली जा रही है, तो पशु आहार ग्रेड का गेहूं 1900 से 2100 रुपए क्विंटल पर स्थिर है।
दलहन में बनी रहेगी तेजी
Bhatapara Market प्रदेश के दलहन उत्पादक किसान परेशान नजर आ रहे हैं क्योंकि पल-पल बदल रहा मौसम, तैयार हो रही फसल के लिए खतरा बन सकता है। वह भी तब, जब पौधों में फूलों का लगना चालू हो चुका है। ऐसे में यह फूल गिर सकते हैं। सीधा असर, कमजोर उत्पादन के रूप में सामने आएगा,लिहाजा दलहन की सभी किस्मों में मजबूती आगे भी बनी रहने की धारणा है। फिलहाल चना 5400 से 5500 रुपए, तिवरा 5500 रुपए और बटरी में भी भाव 5400 रुपए क्विंटल पर स्थिर है।
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दलहन फसलों की समय से बोनी कर चुके किसानों को भरपूर लाभ की संभावना है क्योंकि फरवरी के अंतिम सप्ताह तक फसल तैयार हो चुकी होगी। वह भी ऐसे समय में, जब घरेलू बाजार की जरूरतें पूरी करने के लिए दलहन मिलें कर्नाटक और महाराष्ट्र से दलहन की खरीदी कर रहीं हैं। तेजी का यह लाभ प्रदेश के दलहन उत्पादक किसानों को भी होगा जबकि गेहूं की नई फसल मार्च के प्रथम सप्ताह तक आने की संभावना है। यहां मंदी के संकेत मिल रहे हैं क्योंकि फसल जोरदार बताई जा रही है।