Bhatapara : अच्छी खबर,अब सूखे दिनों में भी हरा चारा

 Bhatapara :

राजकुमार मल

 

Bhatapara मवेशी, मछली और कुक्कुट पालकों को राहत

 

 

Bhatapara भाटापारा– पशु पालक हैं,तो आपके लिए अच्छी खबर। अब सूखे दिनों में भी हरा चारा मिल सकेगा। ‘एजोला’ नाम है उस जलीय फर्न का जिसमें सूखने के बाद भी पोषक तत्व बने रहते हैं।

खेती का काम अंतिम चरण में पहुंचने जा रहा है। बारिश के दिन हैं, इसलिए हरा चारा अभी तो मिल जा रहा है लेकिन बाद के दिनों के लिए तैयारी नही की, तो पशु आहार केन्द्र ही सहारा बनेंगे। हर बरस बढ़ती कीमत से हलाकान किसान, डेयरियों और पशु पालकों के लिए एजोला की खेती वरदान बनने जा रही है। बेहद कम लागत और अतिरिक्त संसाधन के बगैर इसकी खेती की जा सकती है।

यह है एजोला

 

 

समशीतोष्ण जलवायु में 35 डिग्री सेल्सियस तापमान में बेहतर ग्रोथ लेता है एजोला। ‘जलीय फर्न’ है, इसलिए खरीफ और रबी दोनों सत्र में इसकी फसल ली जा सकती है। महज 7 से 15 दिन में तैयार हो जाने वाला एजोला पौष्टिक चारा का सबसे उत्तम विकल्प माना गया है।वायुमंडल से कार्बन डाईआक्साइड लेकर क्रमशः कार्बोहाइड्रेट और अमोनिया में बदलता है। अपघटन के बाद फसल को मानक मात्रा में नाईट्रोजन और मिट्टी को जैविक कार्बन देता है।इससे फसल का उत्पादन बढ़ता है और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहती है।

ऐसे करें खेती

 

एजोला की खेती बेहद आसान है। एजोला इनोकूलम का छिड़काव धान के खेत या घर और उस जगह करें, जहां जल-जमाव होता है।महज 7 से 15 दिन में तैयार होने वाले इस जलीय फर्न का उत्पादन बढ़ाना हो, तो मानक मात्रा में सुपर फास्फेट का छिड़काव करना होगा। दिलचस्प यह कि इसकी खेती, धान की मुख्य फसल वाले खेत में भी की जा सकती है।

सूखे दिनों में भी

 

सिंचाई का साधन है, तो सूखे दिनों में भी खेती संभव है। नहीं होने की स्थिति में इसे सुखाकर पशु आहार के रूप में उपयोग किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में भी पोषक तत्व बने रहते हैं। यह पालतू मवेशियों के अलावा डेयरियों, कुक्कुट पालन और मछली पालन करने वालों के लिए लाभदायक होगा क्योंकि इन्हें भी खुले बाजार से ऊंची कीमत पर आहार की खरीदी करनी होती है।

काबू में रखता है खरपतवार को

 

धान के खेत में तैयार होने वाली मोटी और छोटी खरपतवार को दबा कर रखता है एजोला। जैविक खाद के लिए जरूरी सूक्ष्मजीव को बढ़ाने में मदद करने की वजह से मिट्टी में पोषक तत्व बढ़ते हैं। मुख्य फसल के लिए डाले गए रासायनिक उर्वरक की न केवल क्षमता बढ़ाता है बल्कि असर भी लंबी अवधि तक बना रहता है।

हरा सोना

 

एजोला को हरा सोना कहा जाता है। इसका उपयोग कई फसलों में पोषक तत्व के रूप में किया जाता है। एजोला में 3.5 प्रतिशत नाइट्रोजन और विभिन्न प्रकार के कार्बनिक पदार्थ होते हैं, जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाते हैं। एजोला किसानों के लिए कम लागत पर बेहतर जैविक खाद है। इसका उपयोग पशु चारा में भी किया जाता है।

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डॉ.युष्मा साव,असिस्टेंट प्रोफेसर (सॉइल साइंस), बीटीसी कॉलेज आफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर

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