Bhanupratappur : मोटी कमीशन के लिए लोकल ब्रांड की सप्लाई पर रुचि दिखा रहे आबकारी अधिकारी

Bhanupratappur :

Bhanupratappur :  मोटी कमीशन के लिए लोकल ब्रांड की सप्लाई पर रुचि दिखा रहे आबकारी अधिकारी

 

Bhanupratappur :  भानुप्रतापपुर। कांकेर सहित बस्तर क्षेत्र में ब्रांयन्डल प्राइज, सिग्नेचर,हंडरेड पाइपर जैसे कई प्रीमियम ब्रांड की शराब नही बल्कि लोकल ब्रांड शराब की सप्लाई पर जिला आबकारी अधिकारी अधिक रूचि दिखा रहे। इससे आम लोगो पर नही बल्कि कम्पनी को फायदा पहुचाने का कार्य किया जा रहा है। वही बाकी शराब में मिलावट, ओवर रेट वसूलने का काम शराब दुकान के सुपरवाइजर व सेल्समैन द्वारा पूरा किया जा रहा है।

Bhanupratappur : विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला आबकारी अधिकारी के द्वारा लोगो के मांग के अनुसार शराब की सप्लाई नही की जाती है बल्कि लोकल शराब कम्पनियों को फायदा पहुचाने के लिए काम करती है। इसके एवज में अधिकारियों को मोटी कमीशन मिलता है वही लोकल कम्पनी को अधिक मार्जिन होती है।

आपको बताते चलते है कि ऐसे लोकल शराब कम्पनियो के एजेंट के द्वारा प्रत्येक जिलों में संपर्क कर जिला आबकारी अधिकारियों से मिलकर उन्हें अपने ब्रांड की शराब को अधिक से अधिक बिक्री किये जाने का प्रलोभन दिया जाता है। यही कारण है कि जिले के स्थानीय सभी शराब दुकानों में अच्छी ब्रांड नही बल्कि फ्रंटलाइन, पार्टीस्पेशल, विकर, नंबरवन,आईवी, ऐसींनीट,एटपीएम जैसे सस्ती ब्रांड का स्टॉक रहता है। ब्रांडेड शराब की मांगे जाने पर नही आने की बात कही जाती है। जबकि ब्रांडेड कंपनियों के शराब रहते है पर उन्हें जानबूझ मंगाया नही जाता है।

 

Bhanupratappur :  कुल मिलाकर कहा जाए तो शराब का व्यवसाय भी 

 

Bhanupratappur :  मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव ( एम आर) की तरह हो गया है। फर्क इतना है कि एमआर अपनी कंपनी की दवा बेचने डॉक्टर से सम्पर्क करते है और शराब कपनी के एजेंट अपनी कंपनी के लोकल शराब की खपत बढ़ाने के लिए जिला आबकारी अधिकारी से मिलकर मोटी रकम का प्रलोभन दिया जाता है।
सूत्रों की माने तो महीने के अंत मे इन कम्पनियों के द्वारा जिला आबकारी अधिकारी को मोटी उपहार दिए जाने की बात भी सामने आ रही है।

बता दे कि इस बार सत्ता परिवर्तन के साथ ही भाजपा सरकार आबकारी पर नियंत्रण मंत्रियों के विभाग वितरण के बाद मुख्यमंत्री के पास पहली बार आबकारी विभाग है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में आबकारी विभागमुख्यमंत्री के पास होने के कई अर्थ निकाले जा रहे है। प्रदेश में शराबबंदी की मांग और आबकारी नीति पर सबकी निगाह रहेगी।

आबकारी घोटाले की जांच ईडी कई राज्यों में कर रही है, कई लोग जेल में हैं, तो कई बेल में है। आबकारी निगम में नई नियुक्ति की भी चर्चा रहेगी। आबकारी के राजस्व संग्रहण को लेकर परदे के पीछे की लड़ाई बढ़ सकती है।

इस सम्बंध में कुछ शराब प्रेमियों से भी चर्चा की गई तो उन सभी का जवाब था कि दिन प्रतिदिन शराब का रेट बढ़ते जा रहा है क्वालिटी इतनी खराब आ रही है शराब पीने पर उल्टी आती है।

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मिलावटी भी किये रहते है। बता दे कि ऐसे तो शराब दुकान की बिक्री प्रतिदिन लाखो में होती है पर आज और कल याने 31 दिसम्बर व न्यू ईयर के चलते बिक्री कई गुना बढ़ गई है। लोकल ब्रांड एवं ओवर रेट पर बेचकर कंपनी, आबकारी अधिकारी व शराब दुकान के कर्मचारी लाल हो गए है।

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