Bhanupratappur : खनिज निधि के निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार,करोड़ो की राशि बंदरबांट करने में लगे अधिकारी, नेता व ठेकेदार

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Bhanupratappur : करोड़ो की राशि बंदरबांट करने में लगे अधिकारी, नेता व ठेकेदार

Bhanupratappur :  भानुप्रतापपुर। जिले में खनिज न्यास निधि की राशि अधिकारी, ठेकेदारों व नेताओं के लिए भ्रष्टाचार करने का एक अच्छा साधन हो गयी है। इस राशि से स्वीकृत हुए निर्माण कार्यों तथा सामग्री खरीदी की गुणवत्ता पर किसी का भी ध्यान नहीं है। सबने अपना-अपना हिस्सा लेकर करोड़ो रूपये की राशि गुणवत्ताहीन कार्यों व सामग्री पर खर्च कर दी। कोरबा व बिलासपुर की तरह कांकेर जिले में खनिज निधि से खर्च हो रही राशि की जांच स्वतंत्र एजेंसी से करवाने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार की हद तो तब हो गयी जब महज 1 से 3 किलोमीटर तक के पहुँच मार्ग निर्माण के लिए 11 ग्राम पंचायतों को 20-20 लाख रुपये की स्वीकृति दे दी गयी। जिसमें प्रथम किश्त का भुगतान भी सम्बंधित पंचायतों को करा दिया गया है।

Bhanupratappur :  ज्ञात हो कि वर्ष 2022-23 में खनिज न्यास निधि से भानुप्रतापपुर ब्लाक के ग्राम पंचायत भैंसाकन्हार ‘क’, डोंगरकट्टा, भैंसाकन्हार ‘डू’, मुंगवाल, डोंगरगांव, कनेचुर, चिल्हाटी व दुर्गुकोंदल ब्लाक में ग्राम पंचायत भीरावही, चिहरो, हाटकोंदल, पर्रेकोड़ो में कुल 14 पहुँच मार्ग का निर्माण कराया गया है। जिसमें करीब 2 करोड़ 78 लाख 42 हजार की की स्वीकृति मिली है।

 

वहीं प्रथम किश्त कें रूप में करीब 1 करोड़ 39 लाख 21 हजार रुपये का भुगतान भी सम्बंधित पंचायतों को करवा दिया गया है। जबकि रोजगार गारंटी के माध्यम से भी पंचायतों में पहुंच मार्ग का निर्माण कराया जाता है जिसमें राशि कम लगती है और ग्रामीणों को रोजगार भी मिल जाता है। इतनी बड़ी राशि से अच्छी खासी सीसी सड़क का निर्माण कराया जा सकता था, लेकिन सिर्फ पहुंच मार्ग निर्माण कराने में खनिज निधि से इतनी बड़ी राशि खर्च कर देना किसी बड़े भ्रष्टाचार को दर्शाता है।

कुछ भी कहने से बच रहे अधिकारी

 

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खनिज न्यास निधि से हुए इन पहुंच मार्ग निर्माण कार्यों में मशीनों से केवल मुरमीकरण कराया गया है। इससे न ही ग्रामीणों को रोजगार मिला और राशि भी अधिक खर्च कर दी गयी। इस कार्य मे अधिकारी व नेताओं के संरक्षण में बड़े झोल झाल से इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं अधकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं। इस मार्ग की स्वीकृति किस आधार पर ली गयी वहीं कार्य होने के बाद किस तरह से मूल्यांकन कर भुगतान कराया गया है समझ से परे है। अभी पंचायतों को 50 प्रतिशत राशि जारी की गई है और 50 प्रतिशत आनी शेष है। ग्रामीणों के अनुसार पहुँचमार्ग बनाने में 4 से 5 लाख ही खर्च हुए होंगे जबकि उसके लिए 9 लाख से अधिक का भुगतान कराया जा चुका है।

इस वर्ष भी खनिज निधि से स्वीकृत हुए हैं कार्य

 

इस वर्ष 2023-24 में पुनः खनिज न्यास निधि से पंचायतों में यात्री प्रतीक्षालय निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ है। इस कार्य मे भी गुणवत्ता न के बराबर है। कुछ दिनों पूर्व ग्राम पंचायत डूमरकोट में प्रतीक्षालय निर्माण के दौरान चबूतरा भसक गया था जिसे ठेकेदार ने मरम्मत कर दिया। इसी तरह ग्राम चौगेल में भी प्रतीक्षालय निर्माण के दौरान चबूतरा भसक गया है जो अभी तक उसी स्थिति में पड़ा हुआ है। सड़क से नजदीक होने के चलते लोक निर्माण विभाग ने आपत्ति जताई जिसके बाद से ठेकेदार ने कार्य बंद कर दिया है। ग्राम पंचायत के सरपंच शैलेन्द्र मरकाम ने बताया कि ठेकेदार ने निर्माण के पूर्व स्थल चयन को लेकर चर्चा की थी लेकिन उसके कार्य मे गुणवत्ता नहीं है। चबूतरा में सीमेंट की मात्रा बहुत कम है और पानी भी नहीं डाला गया इसलिए चबूतरा भसक गया।

तिलक राम जंघेल, एसडीओ ग्रामीण यांत्रिकी विभाग- इस सम्बंध में हमारे पास कोई फाइल नहीं आई है, जब मूल्यांकन व सत्यापन के लिए फाइल आएगी तब जांच की जाएगी।

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आर भास्कर- प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत भानुप्रतापपुर- यह तकनीकी मामला है। स्टीमेट कैसे सिचुवेशन में बना होगा इसकी जानकारी इंजीनियर ही दे सकते हैं।

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