Bastar Forest Division : कोलेंग अवैध कटाई मामले में हुआ एक और खुलासा

Bastar Forest Division :

Bastar Forest Division आरोपियों ने स्वयं को बचाने के लिए बनाया था कूटरचित अनुबंध पत्र
वनविभाग ने एसपी को सौंपी जांच रिपोर्ट अब दूसरी एफआईआर होगी दर्ज

Bastar Forest Division जगदलपुर । आज की जनधारा । बस्तर वनमंडल के कोलेंग परिक्षेत्र में हुई अवैध कटाई के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है।जांच के दौरान इस प्रकरण में संलिप्त वन कर्मियों द्वारा एक कूटरचित नॉन ज्यूडिशियल और नोटराइज़्ड स्टाम्प प्रस्तुत किया गया था जिसकी पोल अब जा कर खुली है।यह एक अनुबंध पत्र है जो वन विभाग के कर्मचारी ओमप्रकाश सिंह के सगे भाई  अमर सिंह द्वारा अपने ट्रेक्टर चालक के साथ किया गया था।

ट्रेक्टर क्रमांक CG17KR9254 को ट्रॉली के साथ पकड़ा गया था जो अवैध चिरान से लदा हुआ था।ट्रैक्टर को राजसात किया जा चुका है।आरोपी भी इस लकड़ी तस्करी के मामले में जमानत पर हैं लेकिन इस शपथ पत्र की पोल खुल जाने के बाद आरोपियों की मुश्किलें कई गुना बढ़ती नज़र आ रही हैं।पूरा मामला इस प्रकार है,जब पिछले साल यह ट्रेक्टर पकड़ा गया तो पता चला कि यह ट्रेक्टर वन विभाग में कार्यरत एक वनपाल ओमप्रकाश सिंह का है जो कि उनके सगे भाई के नाम पर रजिस्टर्ड है।एक और वनपाल श्रीधर स्नेही के साथ ओमप्रकाश के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।जांच के दौरान आरोपियों द्वारा इस ट्रेक्टर को किराए पर देना बताया गया और एक वाहन किराया अनुबंध पत्र प्रस्तुत किया गया ।

वाहन मालिक द्वारा दिनाँक 5 जनवरी 2022 को स्टाम्प वेंडर नर्मदा तिवारी से यह 50 रुपये मूल्य का नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प खरीदना बताया गया।फिर अगले दिन 6 जनवरी को नोटरी से इस अनुबंध पत्र को प्रमाणित करवाया गया।यह अनुबंध ओमप्रकाश के लिए कार्य करने वाले एक आदिवासी युवक कांटाकांदा निवासी फगनू मुचाकी के साथ किया गया जिसमें लिखा गया कि यह ट्रेक्टर 10 हज़ार रुपये प्रति माह के हिसाब से फगनू को किराए पर दिया गया है।

इस अनुबंध की आड़ लेकर आरोपी जांच की दिशा बदलना चाहते थे लेकिन जब इस स्टाम्प की जांच की गई तो मामला और भी गंभीर हो गया।जिला कोषालय अधिकारी ने लिखित रूप से यह स्वीकार किया  है कि यह स्टाम्प जिसका सरल क्रमांक Z854671 है इसे कोषालय द्वारा स्टाम्प वेंडर नर्मदा तिवारी को दिनाँक 10.03.2022 को जारी किया गया था।

यहीं से सब कुछ साफ हो गया कि जो स्टाम्प 10 मार्च 2022 को जारी हुआ हो उसपर बैक डेट अर्थात 6 जनवरी को अनुबंध कैसे किया जा सकता है।यह साबित हो रहा है कि यह अनुबंध पत्र पुर्णतः कूट रचित है।कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के संचालक ने सम्पूर्ण दस्तावेजों के साथ यह रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को सौंप दी है।

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रिपोर्ट के आखीर में लिखा गया है कि  वाहन मालिक अमर सिंह,वनपाल ओमप्रकाश सिंह,वनपाल श्रीधर स्नेही ,ट्रेक्टर चालक फगनू मुचाकी और स्टाम्प वेंडर नर्मदा तिवारी सभी ने मिलकर भारतीय गैर न्यायिक स्टाम्प का अवैधानिक रूप से उपयोग कर प्रकरण में शासन को गुमराह करने का प्रयास किया है जो कि एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है अतः सभी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का अनुरोध किया गया है।

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