Santulan Ka Sameekaran- स्टॉक मार्केट में पैसे कमाने का कोई शॉर्टकट नहीं

Santulan Ka Sameekaran-

0स्टॉक मार्केट के बारे में सोशल मीडिया पर है कई भ्रामक तथ्य, इससे बचें
0एशियन न्यूज का खास कार्यक्रम संतुलन का समीकरण का आयोजन
0 ‘बाजार और सरकार, रिश्तों की पड़ताल’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन

रायपुर। बाजार और सरकार का हमेशा से गहरा नाता रहा है। दरअसल स्थिर सरकार आते हुए दिखती है तो बाजार में तेजी रहती है। वहीं अगर सेंटीमेंट पूरी तरह पॉजिटिव नहीं दिखता तो मार्केट में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। अगर आप बीते दो लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो ये बात आपको दिखाई देगी।
इस बार जबसे चुवाव शुरू हुए हैं तबसे लेकर अबतक शेयर बाजार में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला है। एग्जिट पोल आने के बाद शेयर मार्केट में बेतहाशा चढ़ाव देखने को मिला, वहीं चुनाव के परिणाम आने के बाद शेयर मार्केट धड़ाम से गिर गया। इस बार एशियन न्यूज के खास कार्यक्रम संतुलन के समीकरण में ‘बाजार और सरकार, रिश्तों की पड़ताल’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें कई चीजों का पड़ताल की गई। इसमें सरकार के साथ बदल जाते हैं बाजार में हालात, आखिर क्या है राजनीति का अर्थशास्त्र, बाजार को चाहिए कैसी सरकार, अस्थिर सरकार से क्यों बढ़ जाती है शेयर बाजार की धडक़नें। जहां अलग-अलग क्षेत्र के शेयर मार्केट एक्सपर्ट, ट्रेडिंग एक्सपर्ट, बिजनेस मैन, और अन्य क्षेत्रों के वक्ताओं ने अपनी बात रखी।

इसमें एक्सपर्ट ने कहा कि आज लोग न्यूज बेस्ड और इमोशन बेस्ड ट्रेडिंग करते हैं। आज जरूरत है इसको शेयर मार्केट को समझने की जरूरत है। पहले मार्केट और कंपनी को समझे तब जाकर शेयर मार्केट में अपना पैसा लगाएं। शेयर मार्केट से शॉर्टकट अपनाकर ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में न रहे। इस अवसर पर एशियन न्यूज के प्रधान संपादक सुभाष मिश्रा ने कहा कि बाजार हमेशा से हमारे जीवन में रहा है। वर्तमान समय में बाजार को पॉलिटिक्स किस तरीके से नियंत्रित करता है, यह भी देखने को मिल जाता है। यानी कि सरकार बदलने से बाजार और अर्थव्यवस्था पर भी खासा प्रभाव पड़ता है। हमने अभी हाल ही में देखा कि किस तरीके से चुनाव के परिणाम आने के बाद शेयर मार्केट गिर गया। वहीं उससे पहले एग्जिट पोल आने के बाद शेयर मार्केट में चढ़ाव देखने को मिला। इस लिए आज बाजार और राजनीति के रिश्तों का इस कार्यक्रम के माध्यम से पड़ताल किया जा रहा ही और लोगों से समझने की कोशिश की जा रही है।
स्टोक मार्केट से जुड़े एसजी कनकानी ने कहा कि शेयर मार्केट में लगातार उतार और चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन इस बार जिस तरीके से राजनीति से इसे जोड़ा जा रहा है वैसा कुछ नहीं है। जब लोग घबरा गए तो हमारे देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने कहा कि किसी भी निवेशकों को घबराने की बात नहीं है। मेरा मानना है कि यह पोल्टिकाल मुद्दा ही नहीं है। बिना वजह से मुद्दे को स्टॉक मार्केट से जोड़ा जा रहा है। मार्केट में कई अफवाह और ह्यूमर उड़ाया जाता है जिससे शेयर बाजार पर भी फर्क पड़ता है। लेकिन ऐसी सूचना पर पहले जांच पड़ताल करे उसके बाद ही उस पर विश्वास करें। हालांकि इस अफवाह से शेयर बाजार में उतार-चढाव देखने को मिलता है एक दो दिन बाद में हकीकत सामने आने पर सभी नॉर्मल हो जाता है।
स्टॉकवाणी रिसर्च और सेबी रजिस्टर्ड नवोदित तिवारी ने कहा कि शेयर बाजार शब्द अपने आप में बहुत कुछ बता देता है। शेयर का मतलब होता है हिस्सेदारी और अगर आप बाजार में किसी भी कंपनियों का शेयर खरीदने हैं तो उसे कंपनी का आप हिस्सेदार बन जाते हैं। शेयर बाजार में बहुत बार यह चर्चा होती है तो इसमें निवेशकों को सबसे पहले यह समझना होता है कि कि आप जिस कंपनी में शेयर खरीद रहे हैं उसके बारे में पहले पड़ताल करें फिर पैसा लगाएं। आज के निवेशकों को यह पूछ लें की वह किस लिए शेयर बाजार में पैसा लगाया है तो वह कहता है कि बड़े नेता को सुना था इसके बाद पैसा लगा लिया। क्योंकि की आज राजनैतिक दल के नेता भी शेयर बाजार या भी स्टॉक मार्केट के बारे में बताते नजर आते हैं। लेकिन मेरा मानना है कि जो जिसका एक्सपर्ट है उसपर ज्ञान दें।
शेयर मार्केट एक्सपर्ट शोएब खान ने बताया की मार्केट दो तरीके से चलता है। एक ट्रेडिंग और एक शेयरिंग मैं 8 साल से मार्केट में हूं और 2 साल से लोगों को ट्रेनिंग दे रहा हूं। इसमें सबसे पहले यह समझना है कि इसमें नॉलेज होना जरूरी है बिना नॉलेज के लोग ट्रेडिंग या स्टॉक मार्केट को समझ नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार कोर्स चलती है एक इंस्टिट्यूट भी है जिसमें स्टॉक और शेयर मार्केट के बारे में सिखाया जाता है, जिसमें डीप नॉलेज दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आज लोग रातों रात अमीर बनना चाहते हैं। इसके लिए लोग ड्रेडिंग करते हैं जबकि यह आत्मघाती कदम भी हो सकता है।
व्यापारी और माइनिंग से जुड़े पंकज ने कहा छत्तीसगढ़ में माइनिंग के तौर पर कोयला, हीरा, स्टील मैटेरियल वा अन्य खनिज शामिल है। कुल 60 फीसदी स्टील खनिज पदार्थ के तौर पर निकाला जा रहा है। इस खनिज पदार्थ को निकालने में सरकार की भूमिका अहम है। अगर सरकार चाहे तो इससे भी ज्यादा उत्पादन करवाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कई ऐसे माइनिंग क्षेत्र हैं उसमे सरकार की काफी उदासीन रवैया के कारण वह नहीं हो पा रहा है।

शेयर मार्केट में पैसा और सब्र दोनों की है जरूरत
शेयर मार्केट से जुड़े जनक वाडवानी ने कहा कि शेयर मार्केट मार्केट को केवल समझने की जरूरत है। इसमें सब्र रखकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज लोग शेयर मार्केट के समझते नहीं है। सुरेंद्र ने कहा कि अगर हम किसी भी कंपनी का शेयर खरीदना चाहते हैं उससे पहले उससे बारे में जाने तब जाकर पैसा लगाएं। आज लोग तुरंत ट्रेडिंग करने को सोचते हैं इसी में घाटा होता है। उन्होंने कहा की नई सरकार बन गई है और हम व्यापारियों को सरकार से काफी उम्मीदें हैं। जब से जीएसटी लागू हुई है तब से हम व्यापारी वर्ग काफी परेशान हैं।
शंकर बजाज ने कहा सरकार और व्यापार दोनों का गहरा नाता है सरकार बदलने से नीति बदलती है। इसके साथ ही व्यापारी को सरकार आने के बाद फायदा होता है और नुकसान भी होता है। क्योंकि जब सरकार कई साल तक रहती है तो उनकी नीति और योजनाओं के बारे में पता होता है।
टूर एंड ट्रैवल से अवनीत सिंह ने कहा कि आपका संतुलन का समीकरण है वह छत्तीसगढ़ में बिलकुल सटीक बैठ रहा है। अब राज्य और केंद्र में डबल इंजन की सरकार है। जिससे हम व्यापारी और आम लोगों को भी काफी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि टूर एंड ट्रैवल में देखे तो छत्तीसगढ़ में कई संभावनाएं हैं लेकिन इस क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में भी कई टूर के लिए काफी संभावनाएं हैं। जिसको डेवलप करने के बाद काफी फायदा होगा।
व्यापारी कन्हैया गुप्ता ने कहा कि सरकार और व्यापार एक दूसरे से जुड़ी होती है। सरकार के नीतियों से व्यापार पर फर्क पड़ता है। उन्होंने कहा कि कोई भी काम एक सरकार में शुरू होती है और अन्य सरकार आने के बाद इस प्रोजेक्ट को रोक दिया जाता है। जिससे कई परिवार प्रभावित होता है। सरकार को चाहिए कि पब्लिक को ध्यान में रखकर नीतियां बनाने की जरूरत है।

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