Baikunthpur घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए संकटमोचन से कम नहीं सखी वन स्टाफ सेंटर : डा. एकता लंगेह

Baikunthpur

Baikunthpur सखी वन स्टाफ सेंटर पहुंचकर महिलाओं का हाल-चाल जाना

 

 

Baikunthpur बैकुंठपुर- हर जरूरतमंद लोगों तक पहुंच कर उनकी यथा संभव मदद कर डाक्टर एकता लंगेह ने कोरिया जिले मेंअलग पहचान बनाई है.इसी कड़ी में आज जिले के सखी वन स्टाफ सेंटर में पहुंचकर डा.लंगेह ने पीड़ित महिलाओं का हाल जाना।

सखी वन स्टाफ सेंटर से लौटने के बाद डा.एकता लंगेह ने बताया कि कितनी भी मुसीबत क्यों न आ जाए महिलाएं बहुत जल्दी अपना घर नहीं छोड़ती है जब वह अपने आपको लाचार व बेबस पाती है तभी वह कुछ बड़ा निर्णय लेती है। ऐसी स्थिति में समाज व परिवार भी मदद नहीं करता है तो सरकार की सखी वन स्टाफ सेंटर उनके लिए बहुत बड़ा सहारा होती है जहां महिलाओं को निर्भीक होकर एक छांव मिलता है तो वहां काउंसलरों के द्वारा उनकी समस्याओं का निदान भी किया जाता है और कई मामलों में महिलाएं राजी खुशी होकर अपने घर भी चली जाती है।

 

181 में भी पीड़ित महिलाएं फोन कर इसका लाभ ले सकती हैं

Baikunthpur आज महिलाएं पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है ऐसे में कामकाजी महिलाओं को लिंग के आधार पर प्रताड़ना झेलनी पड़ती है अगर घर में भी महिलाएं प्रताड़ित हो रही है और वह इसकी शिकायत करने बाहर नहीं जा पा रही है तो उनके लिए शासन का टोल फ्री नंबर 181 अच्छा साधन है जहां फोन के माध्यम से महिलाओं की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाता है। यह सुविधा 24 घण्टे महिलाओं के लिए उपलब्ध है।

रहना खाना, उपचार, व कानूनी सुविधा यहां सब निशुल्क है.

डा.एकता ने आगे बताया कि महिलाओं के लिए यहां सभी प्रकार की सुविधाएं हैं महिलाओं को 5 दिनों तक रखकर उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जाता है जिसमें उन्हें उपचार की आवश्यकता है तो योग्य व अनुभवी चिकित्सकों के माध्यम से उनका निशुल्क उपचार कराया जाता है और अगर कानूनी रूप से महिलाएं अपनी समस्याओं का समाधान चाहती है तो न्यायालय में विधिक सहायता के माध्यम से उन्हें निशुल्क वकील भी उपलब्ध कराया जाता है।

इनवर्टर की समस्या होने पर तत्काल इनवर्टर उपलब्ध कराया

 

सखी वन स्टाफ सेंटर में स्टाफ द्वारा इनवर्टर की समस्या के बारे में उन्हें अवगत कराने पर डा.एकता लंगेह के द्वारा तत्काल इनवर्टर प्रदान किया.जिससे स्टाफ के लोगों ने डा. एकता लंगेह का आभार माना.

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