Diwali स्व सहायता समूह की दीदियों ने बनाये मिट्टी और मोम के भी दिये
Diwali दंतेवाड़ा ! इस दिवाली को बहुत ही खास बना रही समूह की दीदियों द्वारा बनाए गए आकर्षक दिए। इस दिए कि खास बात यह है कि स्व-सहायता समूह की दीदियों ने त्यौहार के लिए गोबर से आकर्षक दिए तैयार किये हैं। जिस पर सुंदर-सुंदर विभिन्न रंगों से सजाकर मनमोहक रूप दिया गया है। इसके साथ ही मोम का उपयोग कर दीयों को विभिन्न रूपों में ढाला गया है।
Diwali आपको ज्ञात होगा मुख्यमंत्री द्वारा गोधन न्याय योजना जैसे विभिन्न योजनाओं को लागू कर ग्रामीण अंचलों में आजीविका मूलक गतिविधियों को विस्तृत रूप दिया जा रहा है। इसी प्रकार गोबर का उपयोग कर लोगों के लिए आजीविका सृजन किया जा रहा है। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में महिला स्व सहायता के समूह द्वारा गोबर के मनमोहक दीये तैयार किए गए हैं।
Diwali राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला स्वच्छता समूह द्वारा इस वर्ष 8000 से अधिक दीये तैयार किए गए हैं। और पूरे वर्ष 14000 गोबर के दीये व आर्टिकल्स स्व सहायता समूह की दीदियों द्वारा नागपुर की एक पार्टी को 49000 रूपये में विक्रय किया गया था। जिससे अच्छा मुनाफा हुआ। जिससे दीदियां काफी खुश थी कि उनकी मेहनत से सफलता मिली।
आज दीदियां बड़ी ही उत्साह के साथ गोबर के दिए का निर्माण कर रही हैं। दीदियां बताती है कि इस वर्ष गोबर दिए के साथ-साथ मोम से बनी अलग अलग कलाकृतियों की मोमबत्ती निर्मित की है। वे बताती हैं उनके समूह का नाम रानी स्व सहायता समूह है जो कारली में स्थित है।
मोम से कैंडल निर्माण हेतु ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान आरसेटी द्वारा 10 दिवस का प्रशिक्षण दिया गया। जिसके बाद समूह की दीदियों ने 2000 से अधिक मनमोहक आकृति के मोमबत्तियां तैयार की है। दीदीयां बताती हैं कि क्रिसमस हेतु टैडी बियर, फ्लावर रोज, क्रिसमस ट्री जैसे आकृतियों के भी कैंडल तैयार किये गये है।
जिससे ना केवल दीपावली में बल्कि क्रिसमस में भी विशेष रूप से विक्रय किया जाएगा। इन कैंडल की कीमत 5 रूपये से 25 रूपये प्रति कैंडल है। और इनको बेचकर वे अच्छे लाभ की आशा रखती हैं। लोगों को आकर्षक दिए मिलने के साथ ही समूह की महिलाएं अपने लिए आय भी अर्जित कर सकेंगी। और ये दिए आज से स्थानीय बाजारों में स्टॉल के माध्यम से विक्रय किया जाएगा। इसके लिए दीदीयों ने जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया।