छत्तीसगढ़ के बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है, जिसमें प्राइवेट स्कूलों को बोर्ड लगाकर फीस का प्रबंधन करने के निर्देश दिए गए हैं। यह निर्देश इस प्रकार है कि स्कूल अब मनमाने तरीके से फीस नहीं वसूल सकेंगे। इसके साथ ही, स्कूल की वेबसाइट पर भी फीस का स्पष्टीकरण किया जाना होगा।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें प्राइवेट स्कूलों को 20 जून तक अपनी फीस के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया गया है। इसमें तय मानक के अनुसार ही फीस की बढ़ोतरी की जानी चाहिए, और किसी भी प्रकार की छूट नहीं मिलेगी।
पिछले कुछ समय से, प्राइवेट स्कूलों ने मनमाने तरीके से फीस वसूलने के आरोपों का सामना किया गया था। इस निर्देश का मकसद अनियमित की वजह से फीस का प्रबंधन करना है, ताकि छात्रों के माता-पिता को अधिकतम संभावित सुविधा प्राप्त हो।
यह निर्देश समय पर आया है, क्योंकि 18 जून को प्रदेश के सभी शासकीय और निजी स्कूल खुलने जा रहे हैं। इसमें यह भी दिखाई दे रहा है कि सरकार छात्रों के हित में स्कूल फीस का प्रबंधन करने में सख्ती बरत रही है।