रमेश गुप्ता
Identifying fingerprints of criminals : फिंगर प्रिंट पहचानने का हुनर सीखने जुटे तमाम लोग, यहां हुई कार्यशाला
Identifying fingerprints of criminals : दुर्ग । अपराधियों के फिंगर प्रिंट पहचानने के उद्देश्य को लेकर शनिवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राम गोपाल गर्ग के मार्गदर्शन में हुई। इसमें तमाम थानों के पुलिस बल के अफसरों से लेकर टीआई तक ने इसका प्रशिक्षण लिया।
Identifying fingerprints of criminals : वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रामगोपाल गर्ग, अभिषेक झा अति. पुलिस अधीक्षक (शहर), डा. अनुराग झा, अति. पुलिस अधीक्षक (काईम) के मार्गदर्शन में अपराध विवेचना में नवीन तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में घटित अपराध में फिंगर प्रिंट की महत्ता, फिंगर प्रिंट पहचान से विवेचना अधिकारी को किसी भी अपराध में वांछित अपराधी के रिकार्ड की पड़ताल एवं पहचान के उद्देश्य से एक कार्यशाला हुई।
कहां आयोजित हुई कार्यशाला पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार ये कार्यशाला रक्षित केन्द्र, दुर्ग में स्थित सभागार में 01 दिवसीय फिंगर प्रिंट प्रशिक्षण कार्यशाला ) का आयोजन किया गया।
इसमें राकेश नरवरे, रेंज फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट, रायपुर- दुर्ग संभाग ने जिलें में कार्यरत कोर्ट मोहर्रिर एवं थानों में पदस्थ एम.ओ. बी. कोलेटर आरक्षकों को घटित अपराध में घटनास्थल की बारीकियों से अवगत कराया। इसके साथ ही साथ घटनास्थल पर पाये जाने वाली अंगुलियों के निशान को लेने के सही तरीके एवं रख-रखाव के तरीको को बारीकी से समझाया।
Identifying fingerprints of criminals : अपराधियों की शिनाख्त और उनके विरूध्द कार्यवाहियों को बताया नवीन तकनीक के रूप में विकसित समस्त राज्यों में कनेक्टिविटी के माध्यम से अपराधियों की पहचान एवं उनके विरूद्ध की जाने कार्यवाहियों के बारे में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में रक्षित निरीक्षक, दुर्ग नीलकंठ वर्मा, निरी. नवी मोनिका पांडेय एवं जिले में कार्यरत कोर्ट मोहर्रिर एवं थानों में पदस्थ एम.ओ.बी. कोलेटर आरक्षक सहित कुल 70 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण में शामिल हुए ।