Bhanupratappur News : आये दिन विवाद की स्थिति हो रही है निर्मित,शिकायत के बावजूद कार्यवाही नही
Bhanupratappur News : भानुप्रतापपुर। आबकारी अधिकारी जयप्रकाश साहू के संरक्षण में भानुप्रतापपुर शासकीय अंग्रेजी शराब दुकान में निम्न क्वालिटी के शराब को मूल्य से अधिक दर पर बेचा जा रहा है। आबकारी साहब इस कार्य के लिए अपने चेहते कर्मचारी प्रदीप सलाम जो पूर्व में देशी शराब दुकान में पदस्थ था उसे वहा से हटाकर अंग्रेजी शराब दुकान की कमान
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Bhanupratappur News : सौपी गई है। ताकि आबकारी साहब को मोटी रकम आसानी से मिल सके। अंग्रेजी शराब दुकान में काम नही करने के लिए प्रदीप सलाम आबकारी अधिकारी से कई बार मौखिक रूप से आवेदन निवेदन कर चुका है बावजूद अधिकारी उन्हें वहा से हटाना नही चाह रहा है।
विदित हो कि प्रदेश में सरकार जरूर बदल गई है लेकिन शराब दुकान में उपभोक्ताओ को लूटने की सिलसिला आज भी अनवरत जारी है, हालांकि किसी को शक न हो इसलिए ग्राहकों को लूटने का तरीका को थोड़ा जरूर बदल दिए गया है, इसे मुनाफे के खेल को केवल व केवल आबकारी अधिकारी एवं शराब दुकान के कर्मचारी ही समझ
सकते है। बता दे कि एक ही ब्रांड के तीन वैरायटी के शराब आती है लेकिन कांकेर जिला में निम्न क्वालिटी के ही शराब सप्लाई की जाती है ताकि किसी को भनक भी न लगे व निम्न क्वालिटी के शराब को अधिक दाम पर बेचकर अधिक से अधिक लाभ विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को मिल सके। इसीलिए शराब दुकान के सामने नियम के बावजूद भी नई सूची अंकित नही किया गया है।
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बस्तर जैसे पिछड़े क्षेत्र होने के कारण 95 प्रतिशत लोग इस खेल से अनिभिज्ञ रहते है। 5 प्रतिशत लोग जानकर रहते है ऊनसे हमेशा राशि व ब्रांड को लेकर शराब दुकान में कर्मचारियों से विवाद की स्थिति होती रहती है।
जिसका उदाहरण भानुप्रतापपुर अंग्रेजी शराब दुकान में देखी जा सकती है। यहा पर शराब दुकान के कर्मचारी निम्न क्वालिटी के शराब को ऊंचे दामो पर बेचा जा रहा है।
आपको बताते चलते है कि पार्टी स्पेशल शराब की कीमत 550, 710 एव 800 रुपये का बोतल है, लेकिन यहा 550 के शराब को 800 रुपये में खुलेआम बेचा जा रहा है। शासन के नियम है कि शराब खरीदते समय बिल दिए जाने का प्रावधान है
पर कर्मचारियों द्वारा शराब खरीदे जाने पर कभी भी उपभोक्ताओ को बिल नही दिया जाता है। यदि भानुप्रतापपुर अंग्रेजी शराब दुकान के बिक्री की बात करे तो प्रतिदिन लाखो रुपये की है ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते है कि कितना मुनाफा आबकारी अधिकारी व कर्मचारियों को होती होगी।