Earthquake- मोरक्को में 7.2 तीव्रता का भूकंप, 822 की मौत, इमारतें मलबे में तब्दील 

7.2 magnitude earthquake in Morocco, 822 killed, buildings turned into debris

120 साल का सबसे ताकतवर भूकंप

पुर्तगाल और अल्जीरिया तक भूकंप के झटके महसूस किए गए

रबात/माराकेश। अफ्रीकी देश मोरक्को में भूकंप से अब तक 822 लोगों की मौत हो चुकी है। 672 लोग जख्मी हुए हैं। मोरक्को जियोलॉजिकल सेंटर ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.2 थी। यह शुक्रवार की देर रात आया। हालांकि जियोलॉजिकल सर्वे ने इसकी तीव्रता 6.8 बताई है। साथ ही कहा कि ये इस इलाके में 120 साल में आया सबसे ताकतवर भूकंप है।

भूकंप की वजह से कई इमारतें ढह गईं हैं। सोशल मीडिया पर भूकंप से जुड़े कई वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिसमें लोग भागते हुए नजर आ रहे हैं।भूकंप का एपिसेंटर एटलस पर्वत के पास इघिल नाम का गांव बताया जा रहा है, जो माराकेश शहर से 70 किलोमीटर की दूरी पर है। भूकंप की गहराई जमीन से 18.5 किलोमीटर नीचे थी। पुर्तगाल और अल्जीरिया तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप से इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं। यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल ऐतिहासिक माराकेश में पर्यटकों का ध्यान खींचने वाली लाल दीवारों के कुछ हिस्से भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक उत्तरी अफ्रीका में भूकंप काफी दुर्लभ है। इससे पहले 1960 में अगादिर के पास 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था। तब हजारों लोगों की मौत हो गई थी।

हम इस दुख की घड़ी में मोरक्को के साथ हैं : पीएम मोदी

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरक्को में आए भूकंप पर दुख जताया है। उन्होंने कहा- हम इस दुख की घड़ी में मोरक्को के साथ हैं। हम हरसंभव मदद देने को तैयार हैं। अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी मोरक्को को हरसंभव मदद देने की बात कही है।
जाने भूकंप कैसे आता है?

हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पडऩे पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। इससे जमीन में फॉल्ट लाइन्स बनती हैं।

2011 में जापान में आए भूकंप से धरती खिसक गई थी

11 मार्च 2011 को जापान में 9.1 तीव्रता का अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप आया था। इस भूकंप ने न सिर्फ लोगों की जान ली, बल्कि धरती की धुरी को 4 से 10 इंच तक खिसका दिया था। साथ ही पृथ्वी की रोजाना चक्कर लगाने की रफ्तार में भी वृद्धि हुई। जापान भूकंप के सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र में है। यह पैसेफिक रिंग ऑफ फायर क्षेत्र में आता है। रिंग ऑफ फायर ऐसा इलाका है जहां कई कॉन्टिनेंटल के साथ ही ओशियनिक टैक्टोनिक प्लेट्स भी हैं।

 

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