World Heart Day Today : हर दिल के लिए दिल है जरूरी, पढ़ें कैसे बच सकते हैं हार्ट अटैक से
क्या है हृदय रोग
World Heart Day Today : नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के वरिष्ठ डॉ. अंबुज राय के अनुसार, हृदय शरीर का महत्त्वपूर्ण अंग है। एक दिन में यह करीब एक लाख बार एवं एक मिनट में 60-90 बार धड़कता है।
World Heart Day Today : यह हर धड़कन के साथ शरीर में रक्त को धकेलता रहता है। हृदय को पोषण एवं ऑक्सीजन, रक्त से मिलता है, जो कोरोनरी धमनियों द्वारा प्रदान किया जाता है।
World Heart Day Today : इससे जुड़ी कई बीमारियां हैं जिन्हें अलग अलग नाम से जाना जाता है। ये बीमारियां एक तरह से साइलेंट किलर हैं। अगर समय पर जांच न हो तो स्थिति हार्ट अटैक की आती है, जिससे रोगी की जान का जोखिम बढ़ जाता है।
छाती में बेचैनी महसूस होना
आर्टरी ब्लॉक या हार्ट अटैक पर छाती पर दबाव और दर्द के साथ ही खिंचाव महसूस होगा।
मतली, हार्टबर्न और पेट में दर्द होना
दिल संबंधी गंभीर समस्या होने से पहले कुछ लोगों को मितली आना, सीने में जलन, पेट दर्द होना या पाचन संबंधी दिक्कतें आने लगती हैं।
हाथ में दर्द होना
कई बार दिल के रोगी को छाती और बाएं कंधे में दर्द की शिकायत होने लगती है। ये दर्द धीरे-धीरे हाथों की तरफ नीचे की ओर जाने लगता है।
कई दिनों तक कफ होना
यदि आपको काफी दिनों से खांसी-जुकाम हो रहा है और थूक सफेद या गुलाबी रंग का हो रहा है तो ये हार्ट फेल का एक लक्षण है।
सांस लेने में दिक्कत होना
सांस लेने में दिक्कत होना या फिर कम सांस आना हार्ट फेल होने का बड़ा लक्षण है।
पसीना आना
सामान्य से अधिक पसीना आना खासतौर पर तब जब आप कोई शारीरिक क्रिया नहीं कर रहे तो ये आपके लिए एक चेतावनी हो सकती है।
पैरों में सूजन
पैरों, टखनों, तलवों व ऐंकल में सूजन का मतलब हो सकता है कि आपके हार्ट में ब्लड का सर्कुलेशन ठीक नहीं है।
चक्कर आना या सिर घूमना
कई बार चक्कर आने, सिर घूमने, बेहोश होने व बहुत थकान होने जैसे लक्षण भी एक चेतावनी हैं।
हृदय रोग के कारण
कोलेस्टेरॉल बढ़ना
धूम्रपान
शराब पीना
तनाव
आनुवंशिकता
मोटापा
उच्च रक्तचाप
ये तीन जांच जरूरी
ट्रोपोनिन टेस्ट
यह टेस्ट ट्रोपोनिन प्रोटीन का लेवल चेक करता है। यह प्रोटीन हार्ट की मांसपेशियों के नुकसान होने पर निकलता है।
ईसीजी
यह हार्ट की इलेक्ट्रिकल गतिविधियों के जरिये दिल पर पड़ने वाले दबाव की जांच करता है।
इको कार्डियोग्राम
यह कार्डिएक अल्ट्रासाउंड होता है, जिसके जरिये दिल की मांसपेशियों के बारे में और स्पष्ट रूप से जानकारी मिलती है।
क्या कहते हैं आंकड़े
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, भारत में कार्डियो वेस्कुलर डिसीज (सीवीडी) से मौतों की सालाना संख्या 47 लाख तक पहुंच गई है, जो 1990 तक करीब 22 लाख के आसपास थी। बीते तीन दशक में कोरोनरी हृदय रोगों की भारत में प्रसार दर काफी बढ़ी है। ग्रामीण आबादी में 1.6% से 7.4% और शहरी आबादी में 1% से बढ़कर 13.2% तक पहुंच गई है।28.1% मौतें देश में सीवीडी की वजह से दर्ज की गईं 2016 में
कर सकते हैं खुद जांच
रोजाना 3 से 4 किमी तेज कदमों से चलने पर आपकी सांस नहीं उखड़ती या सीने में दर्द नहीं होता तो आपका दिल सेहतमंद है। अगर दिल के मरीज हैं और दो मंजिल सीढ़ियां चढ़ने या 2 किमी पैदल चलने पर सांस नहीं फूलता तो सामान्य लोगों की तरह व्यायाम कर सकते हैं, वरना डॉक्टर से पूछकर व्यायाम करें।
कब पड़ता है दिल का दौरा
अपोलो अस्पताल, चेन्नई के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शांति ने बताया, दिल का दौरा तब होता है जब कमजोर हृदय धमनी में रक्त का थक्का बनता है और ऑक्सीजन को हृदय की मांसपेशियों तक पहुंचने से रोकता है। कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई लोगों में दिल के दौरे का खतरा बढ़ा है।
क्या खाएं
हाई फाइबर और लो फैट वाली डाइट जैसे कि गेहूं, ज्वार, ओट्स, बाजरा आदि का आटे या दलिया का सेवन करें।
लहसुन की एक-दो कली, 5-6 बादाम और 1-2 अखरोट रोजाना खाएं।
जामुन, पपीता, सेब, आड़ू जैसे लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फलों के अलावा हरी सब्जियों का सेवन करें।
ऑलिव ऑयल, कनोला, तिल या सरसों का तेल, थोड़ी मात्रा में देसी घी भी अच्छा है।
इनका नहीं करें सेवन
मक्खन, मलाई, वनस्पति घी आदि
सैचुरेटेड फैट
मैदा, सूजी, सफेद चावल, चीनी, आलू
यानी सफेद चीजें
पैक्ड चीजें मसलन पैक्ड जूस, बेकरी आइटम्स, सॉस आदि
रोजाना आधे चम्मच से ज्यादा नमक न लें
बहुत मीठी चीजें (मिठाई, चॉकलेट)
10वीं-12वीं की पढ़ाई में शामिल हो सीपीआर
दिल्ली एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर अंबुज राय के अनुसार, हार्ट अटैक से होने वाली मौतें रोकी जा सकती हैं। इसके लिए सीपीआर यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन की जानकारी होना जरूरी है। 10वीं और 12वीं के कोर्स में सीपीआर की
शिक्षा को भी शामिल करना चाहिए। ताकि सभी लोगों को पता रहे कि अटैक आने पर कैसे बचाव किया जा सकता है?कैसे देते हैं सीपीआर…
मरीज के पास घुटनों के बल बैठ जाएं और अपना दायां हाथ मरीज के सीने पर रखें। इसके ऊपर दूसरा हाथ रखें और उंगलियों को आपस में फंसा लें।
हथेलियों से 10 मिनट तक सीने के बीच वाले हिस्से को जोर से दबाएं।
एक मिनट में 80 से 100 की रफ्तार से बार-बार दबाएं। 60 सेकंड में 100 बार सीने को दबाएं।
ध्यान रखें कि जोर से दबाएं और तेज-तेज दबाएं। हर बार दबाते वक्त सीना एक-डेढ़ इंच नीचे जाना चाहिए।
डॉक्टरी मदद मिलने तक इसे लगातार करें। बीच में न रुकें।