World decay day  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सक्ती में मनाया गया विश्व क्षय दिवस

World decay day

World decay day  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सक्ती में मनाया गया विश्व क्षय दिवस

World decay day  सक्ती !  भारतवर्ष में 24 मार्च को विश्व क्षय दिवस के रूप में मनाया जाता है । इसी तारतम्य में जिला सक्ती कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सूरज सिंह राठौर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक अर्चना तिवारी, टीबी सुपर वाइजर विनोद राठौर संजय बंजारे जी द्वारा जिले एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सक्ती में क्षय दिवस मनाया गया एवम साथ ही टीबी रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया और स्वयं 2025 तक टीबी मुक्त करने की शपथ ली एवं करचरियो से भी शपथ दिलाई।टीबी सुपरवाइजर विनोद राठौर द्वारा टीबी की जानकारी दी गई।

World decay day  टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो कि माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टेरिया के कारण होता हैं। संक्रमित व्यक्ति के खाँसने या छीकने से टीबी के बैक्टेरिया हवा के माध्यम से एक से दूसरे ब्यक्तियो में फ़ैलती हैं। इसलिये सभी को टीबी के लक्षण न होने पर भी समय समय पर टीबी की जांच कराते रहना चाहिये।

जिससे आवश्यक दवा लेकर इस बीमारी से बचा जा सकें। जबकि भारतवर्ष के सभी अस्पतालों में जाँच और दवा पूरी तरह से निःशुल्क हैं। चिंताजनक स्थिति यह है कि दुनियाभर में इस बीमारी से वर्ष में 14 से 15 लाख लोगों की मृत्यु टीबी से होती हैं जबकि 1करोड़ लोग इस बीमारी के चपेट में आते हैं।

वर्तमान में इस बीमारी का इलाज संभव है परंतु मरीज दवाओं का पूरा कोर्स न करने या मरीज ठीक हो गया हूँ यह मानकर दवा खाना छोड़ देता है जिसके कारण मरीज गम्भीर स्थिति में फस जाता हैं और कोई भी एंटीबायोटिक उसको असर नही करती हैं जिससे मरीज को बचा पाना काफी मुश्किल हो जाता हैं। टीबी से प्रभावित करने वाली अंगों की बात की जाए तो यह फेफड़ों को ज्यादातर प्रभावित करती हैं साथ ही अन्य अंगों जैसे हृदय, हड्डी, गुर्दे, आंत आदि को भी प्रभावित करती हैं।

इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं 2 सप्ताह से अधिक की खांसी, लगातार रात के समय बुखार आना, रात में पसीना आना, बलगम में खून, वजन घटना, भूख न लगना।

इस तरह के लक्षण मिलने पर नजदीकी अस्पताल में जाकर डॉक्टर से परामर्श और जाँच जरूर करें।
टीबी होने पर 6माह का दवा का पूरा कोर्स कर अपनी जान बचा सकते हैं।

टीबी मरीज़ों को शासन द्वारा पोषण आहार के लिये दवा की पूरी अवधि तक 500 रुपये प्रतिमाह प्रदान की जाती है जो कि डीबीटी के माध्यम से मरीज के खाते में ट्रांसफर होती हैं। जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों द्वारा टीबी मरीज़ो को गोद लेकर उन्हें पोषण आहार प्रदान कर अतिरिक्त लाभ प्रदान की जाती हैं।

कार्यक्रम में रवि शंकर राठौर, पंकज महार, मोनू जायसवाल, गीता पटेल, लक्ष्मीकांत पाटले, उमा बर्मन, उर्मिला बरेठ, संतोष सोनवानी, ऋषि, उमेश खूंटे, संध्या सरकार,
हितेश्वर सिदार आदि बड़ी संख्या में हॉस्पिटल स्टाफ उपस्थित थे जिन्होंने टीबी बीमारी को खत्म करने की शपथ ली।

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