Violation of constitutional rights – संवैधानिक अधिकारों का हनन : भूपेश सरकार की आरक्षण नीति अस्पष्ट, सभी वर्गो को रखा है अंधेरे में – अर्जुन राठौर

Violation of constitutional rights

violation of constitutional rights : संवैधानिक अधिकारों का हनन 

Violation of constitutional rights सक्ती। छत्तीसगढ़ की एक मात्र मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय राजनीतिक दल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) विधान सभा सक्ती के प्रभारी अर्जुन राठौर ने राज्य में आरक्षण के संबंध में गहराई संवैधानिक संकट, आरक्षण को लेकर प्रदेश में गरमाई राजनीति और अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण 16 प्रतिशत से 13 प्रतिशत किए जाने के बीच भूपेश सरकार के द्वारा गठित क्वांटिफायबल डाटा आयोग पर सवाल खड़ा करते हुए भूपेश सरकार से तीन सवाल पूछे :क्या क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन सभी वर्गो के जनसंख्या गणना के लिए किया गया है ?

Violation of constitutional rights यदि सिर्फ अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या की गणना के लिए किया गया है तब अनुसूचित जाति वर्ग की गणना कब की जाएगी ?

यदि सभी वर्गो के लिए आयोग का गठन किया गया है तो आयोग में अनुसूचित जाति वर्ग के सदस्यों को क्यूं नहीं रखा गया ?
भूपेस सरकार की आरक्षण नीति अस्पष्ट है सरकार ने सभी वर्गो को अंधेरे में रखा है। कांग्रेस ने सरकार बनाने के बाद भूपेश सरकार ने वंचित समाज को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण प्रदान करने के लिए क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन वर्ष 2019 में किया गया ।

Violation of constitutional rights आयोग के कार्यकाल को लगातार बढ़ाते गए आयोग का कार्यकाल भी समाप्त हो गया लेकिन इस आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है और राज्य सरकार के द्वारा अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत , अनुसूचित जाति वर्ग को 13 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए आरक्षण संशोधन बिल 2022 लाया गया है।

इस बिल में अनुसूचित वर्ग का आरक्षण 13 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का आरक्षण 4 प्रतिशत किए जाने से इन वर्गों में भारी आक्रोश है अर्जुन राठौर ने कहा जब कांग्रेस वर्ष 2012 से अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग करते आ रही थी और कांग्रेस ने वर्ष 2018 के जनघोषणा पत्र में भी सरकार बनने के बाद 16 आरक्षण देने की घोषणा की गई थी । तब उस समय कांग्रेस ने यह नहीं कहा था कि अनुसूचित वर्ग का जनसंख्या गणना की जाएगी , डाटा लिया जायेगा और 16 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।

अब जब कांग्रेस की सरकार बन गई तब सरकार वादे से क्यूं मुकर रही है ? क्यों इस वर्ग के साथ वादा खिलाफी किया जा रहा है ? क्यों अनुसूचित जाति वर्ग के साथ सरकार सौतेला व्यवहार किया जा रहा है ? और अनुसूचित जाति समाज के युवा साथी जब माननीय भूपेश बघेल से सवाल करते है तब उन्हें गिरफ्तार किया जाता है ।

उनके साथ थाने में पुलिस के द्वारा मारपीट कर उनके आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ पहला ऐसा राज्य है जहां पर वर्तमान में आरक्षण नहीं है, नई भर्तियां और प्रवेश रुक गई है, वंचित समाज के संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है , लगभग 3 लाख युवाओं का भविष्य अधर और अंधकार में है, जिसके लिए भूपेश सरकार जिम्मेदार है।

Violation of constitutional rights हमारे प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने आरक्षण के संदर्भ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा था और सभी वर्गो के हितों का ध्यान रखते हुए छत्तीसगढ़ सर्व वर्ग हिताय और छत्तीसगढ़िया सुखाय का सुझाव दिया था।

Violation of constitutional rights कांग्रेस सरकार यदि हमारे प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के सुझाव को लागू करती तो आज यह परिस्थिति निर्मित नहीं होती बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य का आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 समूचे देश के लिए सामाजिक न्याय का श्रेष्ठ उदाहरण बन जाता !

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