Vatsavitri वटसावित्री के दिन केवल वट वृक्ष की पूजा भर न करें बल्कि 1 बरगद का पेड़ भी लगाये
अपने सौभाग्य और सुहाग के लंबी आयु तथा दीर्घायु सुखमय जीवन की कामना करके वटसावित्री व्रत रखकर बरगद पेड़ की पूजा करने वाले समस्त नारी शक्तियों से करबद्ध निवेदन है कि इस बरसात में एक बरगद का पेड़ किसी तालाब , नदी , गार्डन या उचित जगह पर रोप कर उनकी देख रेख सेवा करें।
ताकि आपके आने वाले पीढ़ी की बेटी बहुएं भी अपने सुहाग की रक्षा के लिये आपके रोपे हुए पौधे की पूजा कर सकें। इसके अलावा यदि –
आंवला नवमी में आंवले के पेड़ की पूजा करते है ,
सावन महीने में शिव जी मे बेलपत्र चढ़ाते है ,
घर की पूजा में आम की लकड़ी से हवन करते है ,
कार्तिक माह में तुलसी जी की पूजा करते है ,
ग्रह बाधा व पितरो की शांति के लिये पीपल पेड़ की पूजा करते हैं ,
हरियाली अमावस्या के दिन घर के दरवाजे पर नीम की डाली लगाते है,
तो आप सब को भी ये पौधे अपने आने वाली पीढ़ियों के सुहाग सौभाग्य और सुखमय जीवन की कामना को लेकर पूजा करने हेतु सभी पौधे कम से कम 1,1 नग जरूर लगाना चाहिये।
पूर्वजो के लगाय हुए पौधों के पूजन करने के अधिकारी आप तभी होंगे जब आप भी अपने आने वाली पीढ़ी के लिये उपरोक्त सभी पौधों का रोपण करते है।
https://youtu.be/7fK55QIssqw