Vat Savitri Vrat बरगद पेड़ की पूजा अर्चना भी की
Vat Savitri Vrat खरोरा ! खरोरा में महिलाओं ने आज पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री का व्रत रखा था इसके साथ ही बरगद के वृक्ष की पूजा अर्चना की विभिन्न स्थानों पर एकत्र महिलाओं ने बड़ी संख्या में पूजा में हिस्सा लिया और तपती धूप में पति के लिए परिक्रमा भी की।
धार्मिक मान्यता के अनुसार विवाहित महिलाओं के लिए वट सावित्री व्रत रखना बहुत ही शुभ और लाभकारी माना जाता है, विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य पाने और अपने पति की लंबी या की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं, साथ ही इस दिन बरगद के यह की पूजा भी की जाती है। माना जाता है कि इसी दिन बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री को उनके पति सत्यवान के प्राण यमराज ने वापस किए थे. तब से ज्येष्ठ अमावस्या को वट सावित्री व्रत के नाम से जाना जाने लगा. इस दिन सावित्री और सत्यवान के अलावा बरगद की पूजा की जाती है !
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इस कारण इस व्रत को बड़ अमावस, बरगदाई और वट अमावस्या के नाम से भी जाता जाता है। माना जाता है कि बरगद के पेड़ में भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी का वास होता है और वट सावित्री का व्रत रखने के साथ-साथ इसकी पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.। वट सावित्री का व्रत रखकर महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना करती हैं।वट अमावस्या के दिन बरगद की पूजा करने के बाद महिलाएं सास को या किसी अन्य वृद्ध सुहागिन महिला को सुहाग का सामान देती हैं।