Uttarakhand High Court : फरार पूर्व आईएफएस अग्रिम जमानत के लिए पहुंचे हाईकोर्ट
Uttarakhand High Court नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कार्बेट नेशनल पार्क में कथित भ्रष्टाचार व अनियमितता के आरोपी तत्कालीन उप वन संरक्षक किशन चंद्र को फिलहाल अग्रिम जमानत नहीं दी है। अब उनके जमानत प्रार्थना पत्र पर अगले वर्ष तीन जनवरी को सुनवाई होगी।
Uttarakhand High Court किशन चंद्र पर कार्बेट टाइगर रिजर्व में तैनाती के दौरान कालागढ़ रेंज के मोरघटटी व पाखरो में अवैध निर्माण के साथ ही पेड़ों के कटान का आरोप है। उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद सरकार ने किशन चंद्र को निलंबित कर दिया था। साथ ही विजिलेंस को जांच सौंप दी। विजिलेंस ने आरोपी व अन्य के खिलाफ हल्द्वानी में संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।
किशन चंद की ओर से अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप निराधार हैं। सभी कार्य विभागीय सहमति से किये गए हैं। अदालत ने उनके जमानत प्रार्थना पत्र पर फिलहाल कोई निर्णय लिया और सुनवाई के लिए आगामी तीन जनवरी की तिथि नियत कर दी।
गौरतलब है कि श्री चंद ने इससे पहले भी उच्च न्यायालय में अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने और एफआईआर को निरस्त करने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था लेकिन उच्च न्यायालय ने उन्हें कोई राहत नहीं दी और उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
गिरफ्तारी से बचने के लिए श्री चंद्र फिलहाल फरार है और विजिलेंस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है।