Ukraine falls alone now : अब अकेला पड़ता यूक्रेन

Ukraine falls alone now :

Ukraine falls alone now : अब अकेला पड़ता यूक्रेन

Ukraine falls alone now :
Ukraine falls alone now : अब अकेला पड़ता यूक्रेन

Ukraine falls alone now : रूस ने पश्चिम के लोगों को बताया है कि यूक्रेन का समर्थन कर पश्चिमी सरकारों ने उनकी जिंदगी को मुश्किल बनाया है। अब ये प्रचार कारगर होता नजर आ रहा है।

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ब्रिटिश अखबार द ऑब्जर्वर ने रविवार को अपने एक विशेष आलेख में पश्चिमी देशों को चेतावनी दी कि यूक्रेन युद्ध में अपनी दिलचस्पी घटा कर वे अपने लिए खतरा मोल ले रहे हैँ। उस रिपोर्ट में ऐसी कई मिसालें दी गई हैं, जिनसे जाहिर होता है कि यूक्रेन युद्ध में संसाधन लगाने के खिलाफ यूरोप में अब सरकारों के खिलाफ विरोध भाव बढ़ता जा रहा है। यूरोपीय जनमत किस तरह बदला है कि अब उसकी झलक एक शोध रिपोर्ट से भी सामने आई है।

अध्ययन टोक्यो स्थित साइबर सिक्युरिटी एनालिसिस कंपनी- टेरीलॉजी वॉर्क्स ने किया। उसने ट्विटर के मई-जून के डेटा का विश्लेषण किया। अध्ययन में यूक्रेन और रूस के समर्थक दस- दस प्रमुख हैशटैग को शामिल किया गया। उन द्विट्स पर ध्यान दिया गया, जिन्हें कम से कम आठ बार रीट्विट किया गया हो।

निष्कर्ष यह सामने आया कि सूचना युद्ध में रूस यूक्रेन पर बढ़त बना रहा है। जब रूस ने यूक्रेन में विशेष सैनिक कार्रवाई शुरू की तो पश्चिमी देशों में बड़ी संख्या में लोगों ने यूक्रेन के पक्ष में सोशल मीडिया पोस्ट डाले। लेकिन कुछ समय बाद इसमें गिरावट आ गई।

Ukraine falls alone now : रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण जैसे-जैसे महंगाई बढ़ी, लोगों का ध्यान यूक्रेन युद्ध से हटता जा चला गया। नतीजा है कि अब सोशल मीडिया पर रूस समर्थक आवाजें अधिक सुनाई देने लगी हैँ।

रूस ने इस प्रचार अभियान में एक खास रणनीति अपनाई है। उसने उन समूहों पर खास ध्यान दिया है, जो अमेरिका विरोधी भावनाएं रखते हैँ। रूसी प्रचार ने उन लोगों को खूब आकर्षित किया है, जो अपने देशों की राजनीति से नाखुश हैँ।

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Ukraine falls alone now : इस बात की पुष्टि ब्रिटिश पत्रिका द इकॉनमिस्ट के एक सर्वे से भी हुई है। सर्वे से सामने आया कि अमेरिका में 17 प्रतिशत लोग यूक्रेन सरकार की तरफ से जारी बमबारी के वीडियो को फर्जी मानते हैँ। अमेरिका के दक्षिणपंथी समूहों में यह संख्या 57 प्रतिशत तक है।

रूस ने पश्चिम के लोगों को बताया है कि उनकी सरकारों ने यूक्रेन की मदद के नाम पर उनकी जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। अब ये प्रचार कारगर होता दिख रहा है।

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